जम्मू कश्मीर: रमजान खत्म होते ही भारत सरकार ने सीज़फायर समाप्त कर दिया है जिसके बाद सुरक्षाबलों ने कश्मीर में जबर्दस्त सर्च ऑपरेपशन शुरू किया है. बिजबेहड़ा से आई ख़बर के मुताबिक वहां वाघामा नाम के इलाके में घर-घर में सर्च ऑपरेशन चल रहा है. वहीं, सुरक्षाबलों की भी भारी तैनाती की गई है.


एक महीने के सीजफायर में 66 आतंकी हमले हुए
आपको मालूम होगा कि रमजान के लिए सरकार और सेना ने जम्मू-कश्मीर में खूब संयम दिखाया. आतंकियों, दहशतगर्दों के खिलाफ ऑपरेशन महीने भर तक बंद रखा लेकिन शांति के दुश्मनों और पाकिस्तान की शह पर आतंक फैलाने वालों ने इसका खूब फायदा उठाया. आतंकियों की आजादी के दिन जम्मू-कश्मीर को बहुत भारी पड़े. एक महीने के सीजफायर में 66 आतंकी हमले हुए और इस दौरान देश के 14 वीर जवानों को शहीद होना पड़ा. सात बेगुनाहों को भी अपनी जानें गंवानी पड़ी. आपको बता दें कि कश्मीर में हर जुमे की नमाज के बाद पाकिस्तान के झंडे लहराए जाते हैं.


सेना पर लगा फ्रीज खत्म
मोदी सरकार ने रमजान के महीनों सुरक्षाबलों के गोलियों पर लगी फ्रीज को खत्म कर दिया है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हैं, "मुस्लिम भाइयों और बहनों को शांतिपूर्ण तरीके से रमजान मनाने के लिए सुरक्षाबलों ने सरकार के फैसले को जैसे लागू किया. हम उसकी सराहना करते हैं. सुरक्षा बलों ने इस अवधि के दौरान अनुकरणीय संयम प्रदर्शित किया जबकि आतंकवादियों ने हमले जारी रखे." सिंह ने आगे कहा कि सुरक्षा बलों को निर्देश दिया जाता है कि वो आतंकियों को हमलों, हिंसा और हत्याओं से रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं. भारत सरकार हिंसा और आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर के अपने लक्ष्यों पर कायम है.


आतंकियों को नेस्तानाबूद करने का काम करेगी सेना
सीआरपीएफ के आईजी रविदीप शाही का कहना है कि सरकार के ऑपरेशन के शुरु करने के एलान के बाद सुरक्षाबल आतंकियों को नेस्तानाबूद करने के लिए रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया हैं. आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में रमजान के महीने में आतंकियों के खिलाफ बंद हुए ऑपरेशन का नतीजा ये रहा कि इस दौरान आतंकी वारदात 100 फीसद से ज्यादा बढ़ गई. वहीं, इस दौरान करीब एक महीने में 66 आतंकी हमले हुए, आतंकियों ने 22 ग्रेनेड अटैक किए, सुरक्षाबलों के 14 जवान शहीद हो गए और सात आम नागरिकों को भी जान से हाथ धोना पड़ा.


आखिरी जुमे से पहले हुईं दो बड़ी हत्याएं
इसी महीने में कल यानि रमजान के आखिरी जुमे से पहले आतंकियों ने दो बड़ी हत्याओं को अंजाम दिया. इनमें किडनैप किए जाने के बाद मारे गए शहीद जवान औरंगजेब के अलावा
पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या शामिल है. इन दोनों हत्याओं ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. आतंकी समीर टाइगर को मार गिराने वाले सेना के जवान औरंगजेब को पुलवामा में आतंकियों ने अगवा करके मारा डाला था. इसके अलावा राइजिंग अखबार के संपादक शुजात बुखारी और उनके दो सहयोगियों की आतंकियों ने हत्या कर दी.


महबूबा की अपील पर केंद्र सरकार ने किया था सीजफायर
आपको ये भी बता दें कि जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अपील पर आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन रोकी गई थी. सीजफायर खत्म होने के बाद इन जवानों को तलाश है औरगंजेब के हत्यारों और शुजात बुखारी के गुनाहगारों की. जिस हिसाब से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लगता नहीं कि ये गुनहगार लंबे समय तक बच पाएंगे.


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