नई दिल्ली: मोदी सरकार के द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाए जाने के बाद संविधान विशेषज्ञ इस पर अपनी राज जाहिर कर रहे हैं. इसे लेकर संविधान विशेषज्ञ डी के दुबे ने बताया, "धारा 370 को लेकर जो संशोधन आया है इसे 'संवैधानिक आदेश 272' कहा गया है. इसमें धारा 370 को खत्म नहीं किया है. ये 'क्लाज़ वन' के साथ जीवित रहेगी, लेकिन 'क्लाज़ टू और थ्री' को खत्म कर दिया गया है. भारत का संविधान वहां पर पूरा का पूरा लागू कर दिया गया है. अभी तक वहां पर भारतीय संविधान के 350 प्रोविजिन लागू थे. ये संवैधानिक आदेश 1954 से लागू हैं. अब इसी संवैधानिक आदेश 1954 को आगे बढ़ाया गया है. इसमें कहा गया है कि भारतीय संविधान में आज तक जो भी संशोधन हुए हैं और जो भी प्रावधान आए हैं वो सब के सब जम्मू कश्मीर में लागू होंगे.


इसके साथ ही उन्होंने बताया, "जम्मू कश्मीर का जो संविधान था आर्टिकल 370 के क्लाज टू से था. अब इसे खत्म कर दिया गया है, जिससे अब भारत का संविधान ही जम्मू कश्मीर का संविधान होगा. भारतीय संविधान के लागू होने के बाद वहां पर आर्टिकल तीन भी लागू हो गया है. जिससे सरकार को ये ताकत मिल गई है कि वो राज्य का पुनर्गठन कर सके. इसी का इस्तेमाल करते हुए लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. अब वहां पर असल ताकत राज्यपाल के पास है. और वो केंद्र सरकार से अनुरोध कर सकते हैं."


बता दें कि मोदी सरकार ने आज राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है . जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायी वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा.


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