नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की कोशिश में जुटी पीडीपी-एनसी और कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया है. राज्यपाल ने विधानसभा को भंग करने का एलान कांग्रेस, पीडीपी-एनसी के सरकार बनाने का दावा पेश करने के कुछ देर बाद ही किया. विधानसभा भंग होने से श्रीनगर की ठंडी फिज़ाओ में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है. आइए  बुधवार के दिन राज्य में हुए बड़े सियासी उलटफेर पर एक नजर डाल लेते हैं.


गठबंधन के कयास


बुधवार सूबह से ही राज्य में बीजेपी के खिलाफ पीडीपी-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन की बाच चल रही थी. कयास लगाए जा रहे थे कि ये पार्टियां साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती हैं. कांग्रेस, नेशलन कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच गठबंधन पर गुलाम नबी आजाद ने बुधवार दोपहर में कहा, ''पार्टियों का यह कहना था कि क्यों ना हम इकट्ठे हो जाए और सरकार बनाए. अभी वो स्टेज सरकार बनने वाली नहीं है, एक सुझाव के तौर पर बातचीत चल रही है. '' बेशक गुलाम नवी आजाद ने गठबंधन को लेकर कोई साफ जवाब न दिया हो मगर इशारा तो कर ही दिया था. इसके बाद कयास और तेज हो गए.


गठबंधन का एलान किया


गठबंधन के कयासों के बीच बुधवार शाम को खबर आई कि कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन हो रहा है. कल तक एक दुसरे के घोर दुश्मन रहे तीन विपक्षी दल एक साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं. इस गठबंधन की घोषणा श्रीनगर में हो गई. पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का फैसला किया है. पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी ने शाम को कहा थी कि विपक्षी दलों के 60 विधायक साथ आ रहे हैं. उन्होंने कहा था कि कश्मीर के स्पेशल स्टेटस, धारा 370 और 35 (ए) को बचाने के लिए सभी साथ आ रहे हैं. बीजेपी को किनारे रखकर हम एक साथ मिलकर सरकार बनाएंगे. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला की पार्टी ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाया.


राज्यपाल के सामने पेश किया सरकार बनाने का दावा


गठबंधन के एलान के बाद पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिय़ा. इसके लिए 56 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को भेज दी गई है. विधानसभा में सरकार बनाने के लिए कुल 44 विधायकों की जरूरत है और पीडीपी ने 56 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया. लगा कि जैसे राज्य में नई सरकार का गठन होगा लेकिन उससे पहले ही विधानसभा को भंग कर दिया गया.


राज्यपाल ने भंग किया विधानसभा


पीडीपी-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन का सरकार बनाने का दावा पेश किये जाने के ठीक बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य विधानसभा को भंग कर दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गयी है.