Jammu Kashmir Assembly Election Results 2024: नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बीजेपी के सदस्य नामित न करने को कहा. उनका मानना है कि इससे निर्वाचित सरकार और केंद्र के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है.  साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर नई विधानसभा में इस तरह के किसी भी नामांकन किए गए, तो नई सरकार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा और इससे जम्मू-कश्मीर और केंद्र सरकार के बीच संबंधों में आपसी तनाव पैदा होने लगेगा.


उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर दिल्ली के साथ विवादास्पद संबंध नहीं रख सकता, क्योंकि उसे क्षेत्रिय मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्र की मदद की आवश्यकता पड़ेगी. वहीं बडगाम और गंदेरबल कुछ नए विधायकों का मानना है कि इसके लिए हमें सुप्रीम कोर्ट जाना होगा और इसके खिलाफ अपील करनी होगी. अगर ऐसा किया गया तो केंद्र के साथ शुरुआती दिन से ही हमारे संबंध तनावपूर्ण होंगे और धीरे-धीरे ये संबंध और खराब होते जाएंगे. इससे बीजेपी को केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल करने में मदद नहीं मिल सकती.


'नई सरकार से बात करके ही विधायक नामित करें राज्यपाल'


अब्दुल्ला का कहना है कि केवल 5 लोगों को नामांकित करने से सरकार नहीं बदलेगी. पूर्व सीएम ने एलजी से कहा कि वे नई सरकार से बातचीत करने के बाद ही अपने विधायकों को नामांकित करें. साथ ही एक संकेत भी दिया कि सरकार के गठन के बाद कई स्वतंत्र उम्मीदवारों के एनसी-कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने की संभावना है. जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में  एनसी-कांग्रेस गठबंधन को 49 सीटें मिलीं, वहीं बीजेपी को केवल 29 सीटें मिलीं. ऐसे में गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए आवश्यक साधारण बहुमत के 46 से 3 सीटें अधिक है.


5 विधायक नामित होने के बाद सदन की संख्या 95 हो जाएगी


90 निर्वाचित सदस्यों के अलावा विधानसभा में पांच सदस्यों को नामांकित करने की लेफ्टिनेंट गवर्नर की शक्तियों से विधानसभा की संख्या 95 हो जाएगी और प्रभावी बहुमत का आंकड़ा 48 हो जाएगा. इससे बनने वाली नई सरकार कमजोर हो जाएगी, क्योंकि उसके पास नए बहुमत के आंकड़े से सिर्फ एक सदस्य ही अधिक होगा.  


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