जम्मू: शुक्रवार को जम्मू के नगरोटा इलाके में जिंदा पकडे़ गए आतंकियों के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल आतंकियों की मदद करने वाले और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अपने-अपने पाकिस्तानी आकाओं से व्हाट्सप्प के जरिए संपर्क में थे. जम्मू में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर प्रतिबंध लगा हुआ है इसलिए यह यह आतंकी वीपीएन एप्प का इस्तेमाल कर व्हाट्सप्प चला रहे थे.


सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो एनकाउंटर में मारे गए तीनों आतंकियों का सीधा संपर्क कश्मीर से ट्रक में उन्हें लेने आए तीन मददगारों से नहीं था. आतंकी और कश्मीर से आए उनके मददगार पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में थे. सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तानी हैंडलर ही आतंकियों और कश्मीर से उन्हें लेने आए ट्रक सवार लोगों को लगतार निर्देश दे रहे थे और इसके लिए वो व्हाट्सप्प का इस्तेमाल कर रहे थे.


इस एनकाउंटर में जिंदा पकड़ा गया समीर डार, जो पुलवामा हमले में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल डार का चचेरा भाई है, लगातार अपने फोन से व्हाट्सएप्प चला रहा था और सीमा पार बैठे आकाओं से निर्देश ले रहा था.


जांच एजेंसियां समीर डार के फोन को खंगाल रही है. सूत्रों ने बताया कि समीर डार ने अपने फोन में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क यानि वीपीएन एप्प डाउनलोड किया था और वो लगातार पाकिस्तान के संपर्क में था. सूत्रों ने यह भी बताया कि 30 जनवरी को पाकिस्तानी आतंकियों को ट्रक में बिठाने के बाद भी समीर पाकिस्तान के संपर्क में था और उसने अपने साथ ट्रक में सवार आतंकियों की बात भी कई बार पाकिस्तान करवाई थी.


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