नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की महबूबा सरकार से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. महबूबा की पार्टी पीडीपी से गठबंधन तोड़ने के ऐलान के साथ ही बीजेपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया जाए. इस बीच महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि 'हमने सभी की सहमति से आज यह निर्णय लिया है कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर सरकार से नाता तोड़ रही है.' पीडीपी से नाता तोड़े जाने के फैसले से संबंधित चिट्ठी बीजेपी ने राज्यपाल एनएन वोहरा को भेज दी है.


जम्मू कश्मीर की दिनभर की सियासी हलचल




  • जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजी, रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर के संविधान के सेक्शन 92 के अंतर्गत राज्यपाल शासन लगाने की सिफारिश की.

  • महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''हमने यह गठबंधन ताकत के लिए नहीं किया था, ताकत के लिए किया होता तो उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस हमें समर्थन देने के लिए तैयार थे लेकिन हमने बड़े मकसद से बीजेपी के साथ गठबंधन किया. हमारा एजेंडा यहां के लोगों से और पाकिस्तान से बातचीत करने का है. हमने पहले ही साफ किया था कि 370 से छेड़छाड़ नहीं होगी, हमने तीन साल इसके लिए पूरी कोशिश की, हमने अपना एजेंडा पूरी तरह निभाया.'' महबूबा मुफ्ती ने साफ किया वो किसी के साथ सरकार नहीं बनाएंगी, इसके बाद एक बार फिर जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगना और भी तय हो गया है.

  • सरकार गिरने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आई महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''आप सभी लोग जानते हैं कि आज बीजेपी की ओर से समर्थन वापसी के बाद अपनी इस्तीफा गवर्नर को भेज दिया है. लोगों मिजाज के खिलाफ हमने बड़े मकसद के लिए बीजेपी से हाथ मिलाया, हमें कई महीने लगे आपस में तालमेल बनाने के लिए इसका बेसिक आधार जम्मू कश्मीर के लोगों में विश्वास पैदा करना, पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते था.  हमने 11 नौजवानों के खिलाफ केस वापस लिए. जम्मू कश्मीर से हम दुश्मन राज्य की तहत व्यवहार नहीं कर सकते इसी लिए हमने सीजफायर करवाया, जिसका लोगों ने समर्थन किया. सालों बाद जम्मू कश्मीर के लोग इत्मिनान से रह रहे थे. जम्मू कश्मीर में बाहुबल की नीति नहीं चल सकती.''

  • उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती को समर्थन देने से इनकार कर दिया है. उमर अब्दुल्ला ने कहा मुझे इस फैसले को बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं है लेकिन इसकी टाइमिंग को लेकर हमें आश्चर्य है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है इसलिए राज्यपाल शासन लगना तय है. इसलिए हमने राज्यपाल से मिलकर कहा है कि हम उनका सहयोग करेंगे. लेकिन हमने यह भी कहा कि जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य करने की कोशिश हो, राज्य में नए सिरे चुनाव हों, राज्य की जनता को मौका मिले वो किसे चुनना चाहती है.

  • जम्मू कश्मीर के सियासी संकट के बीच राज्यपाल एनएन वोहरा का कार्यकाल अगली नियुक्ति तक बढ़ा दिया गया है. राज्यपाल वोहरा का कार्यकाल 25 जून को खत्म होने वाला था. जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में एनएन वोहरा के अनुभव को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है. इस फैसले के बाद राजय में राज्यपाल शाशन लगना तय माना जा रहा है.

  • केंद्रीय गृहसचिव राजीव गॉवा ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. गृह सचिव ने कहा कि अभी तक राज्यपाल शासन को लेकर कोई सिफारिश नहीं मिली है.

  • महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरने के बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन को लेकर गृहमंत्रालय में हलचल तेज हो गई है. जानकारी के मुताबिक राज्यपाल की सिफारिश का इंतजार किया जा रहा है.  गृह सचिव राजीव गॉबा ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल से मुलाकात की है. राज्यपाल शासन से पहले प्रशासनिक एडवाइजर और पुलिस एडवाइजर के नाम पर चर्चा हुई.

  • नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अबदुल्ला राज्यपाल एनएन वोहरा से मिलने पहुंचे.

  • बीजेपी के फैसले के ठीक बाद राज्य में मुख्य विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस ने बैठक बुलाई है. इस बैठक में आगे की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी.

  • वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने आज शाम पांच बजे बैठक बुलाई है. शाम पांच बजे महबूबा मुफ्ती प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. पीडीपी ने कहा कि उन्हें प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बीजेपी के फैसलों की जानकारी मिली.


राम माधव ने कहा कि जनता के जनादेश को ध्यान में रखकर हमने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ सरकार चलाने का निर्णय लिया था. लेकिन पीडीपी-बीजेपी गठबंधन को लेकर आगे चलना संभव नहीं हो रहा था. बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सहमति के बाद गठबंधन तोड़ने पर फैसला किया गया.''


जम्मू-कश्मीर में टूटा बीजेपी- पीडीपी का गठबंधन, जानें- अब कैसे बन सकती है सरकार


शाह के साथ बैठक
गठबंधन तोड़ने के मुद्दे पर आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बैठक की. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ बीजेपी नेता और पार्टी के कोटे से मंत्री मौजूद थे. आपको बता दें कि बीजेपी और पीडीपी में सीजफायर, कठुआ गैंगरेप मामले की जांच, सरकार में भागीदारी को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है. 87 सदस्यों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी की 28, बीजेपी की 25 सीटें हैं. दोनों दलों ने चुनाव के बाद गठबंधन किया था.


शिवसेना का बड़ा हमला
बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना ने कहा है कि अपवित्र गठबंधन को लेकर हमने पहले ही कह दिया था कि यह ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा. यह एंटी नेशनल गठबंधन था.


बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद पीडीपी ने कहा- अचरज से भरा फैसला, ना तो इसकी जानकारी थी, ना ही उम्मीद


कांग्रेस बोली-अच्छा हुआ
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मौजूदा सियासी हलचल पर कहा कि जो कुछ भी हुआ वह अच्छा है. जम्मू-कश्मीर के लोगों को राहत मिलेगी. बीजेपी ने कश्मीर को बर्बाद कर दिया और अब उन्होंने समर्थन वापस ले लिया है. बीजेपी-पीडीपी के तीन साल के शासन के दौरान सबसे अधिक सुरक्षाबलों और कश्मीरी नागरिकों की मौत हुई है.


कैसे बनेगी सरकार?
गठबंधन टूटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनेगी या राज्यपाल शासन लागू किया जाएगा? यह बड़ा सवाल बना हुआ है. जम्मू कश्मीर में कुल 87 विधानसभा सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 44 सीटें चाहिए. गठबंधन टूटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए दो विकल्प हैं. पहला विकल्प ये है कि 28 सीटों वाली पीडीपी 12 सीटों वाली कांग्रेस और अन्य सात के साथ मिलकर 47 सीटों के साथ सरकार बना सकती है. वहीं कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह पीडीपी से मिलकर सरकार नहीं बनाएगी. दूसरा विकल्प ये है कि 25 सीटों वाली पार्टी बीजेपी नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15 और सात अन्य सीटों के साथ सरकार बना सकती है.