जम्मू: उत्तराखंड के चमोली में हुए दर्दनाक हादसे के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आपदा प्रबंधन को लेकर कमर कस ली है. जम्मू कश्मीर पुलिस की माउंटेनियरिंग रेस्क्यू फ़ोर्स के जवान प्रदेश में किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार खड़े हैं. जम्मू कश्मीर पुलिस की माउंटेनियरिंग रेस्क्यू फोर्स अब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के करीब 1500 जवानों को आपदा प्रबंधन के गुर सिखा चुकी है. शुरुआत में इस फ़ोर्स का गठन प्रदेश में होने वाली अमरनाथ यात्रा को लेकर किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ाकर अब प्रदेश में किसी भी आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए इस पोस्ट को तैयार किया जा रहा है.
माउंटेनियरिंग रेस्क्यू फोर्स के जवान इन दिनों जम्मू कश्मीर में बाढ़ भूस्खलन हिमस्खलन समेत अन्य आपदाओं से निपटने के गुर सीख रहे हैं. जम्मू कश्मीर की भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के इन जवानों को किसी भी आप प्राकृतिक आपदा से निपटने के गुर सिखाए जा रहे हैं.
जवानों को रस्सी के सहारे पहाड़ की ऊंचाई पर किसी भी घायल शख्स को पहुंचाने के गुर भी सिखाए जा रहे हैं. माउंटेनियरिंग रेस्क्यू फोर्स के जवानों को जम्मू कश्मीर की भौगोलिक स्थितियों से निपटने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग में पहाड़ चढ़ना, बर्फ के ग्लेशियर पर चलना, आग लगी इमारत में जाना, हेलीकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन करना, पहाड़ों से कूदना, पहाड़ों पर चढ़ना और रस्सी बांधकर नदी को पार करने जैसे गुर सिखाए जा रहे हैं. रेस्क्यू फोर्स में कुछ लीडर्स भी हैं जो अपनी टीम को साथ लेकर चलते हैं और किसी भी आपदा से कैसे निपटना है उसके लिए रास्ता तय करते हैं.
उत्तराखंड में आई बाढ़ ने जिस तरह पानी के तेज बहाव ने एक पहाड़ के हिस्से को दो भागों में बांट दिया था. ऐसे में जम्मू कश्मीर पुलिस की माउंटेनियरिंग रेस्क्यू टीम को इन परिस्थितियों से निपटने के गुर भी सिखाए जा रहे हैं. इस रेस्क्यू टीम को रस्सियों के जरिए न केवल फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के तरीके बताए जा रहे हैं बल्कि इन्हें राशियों के सहारे किस तरह से घायल लोगों को तुरंत मेडिकल उपचार दिया जा सकता है इस तरीके से भी वाकिफ कराया जा रहा है.
जम्मू कश्मीर माउंटेनियरिंग रेस्क्यू टीम का दावा है कि वह प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए न केवल जम्मू कश्मीर के किसी भी हिस्से में पहुंच सकते हैं बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी जाने की इच्छा रखते हैं. इस टीम को विश्व के आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है ताकि बचाव कार्य करते समय किसी तरह का जोखिम ना रहे.
जम्मू कश्मीर माउंटेनियरिंग रेस्क्यू टीम को न केवल आपदा प्रबंधन के तरीके सिखाए जा रहे हैं बल्कि इनमें से कुछ जवानों को मेडिकल की भी जरूरी ट्रेनिंग दी गई है ताकि किसी भी विपरीत स्थिति में वह बीमार का प्राथमिक उपचार कर सकें.