Drugs Issue in Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान अपने अन्य नापाक मंसूबों के नाकाम होने के बाद जम्मू कश्मीर के युवाओं को नशे की लत में धकेलने की कोशिश कर रहा है जैसा उसने पंजाब में किया. पुलिस प्रमुख ने अधिकारियों से खुफिया तंत्र को मजबूत करने और सुरक्षाबलों द्वारा तत्काल कार्रवाई के लिए सूचना साझा करने को कहा. 


उन्होंने कहा कि जम्मू के दो सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ में पाकिस्तानी प्राधिकारियों के समर्थन से आतंकवादी घुसपैठ की कोशिशें देखी गयी हैं. ऐसी कई कोशिशें सीमा पर ही नाकाम कर दी गयी. उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान अपने अन्य नापाक मंसूबों के विफल होने के बाद हमारे युवाओं को नशाखोरी में शामिल करने की कोशिश कर रहा है, जैसा कि उसने पंजाब में किया.’’


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बढ़ता जा रहा है नशे का कारोबार


दरअसल जम्मू-कश्मीर में नशे का कारोबार हर गुजरते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है और कश्मीर में भी उड़ता पंजाब वाले हाल में युवा पीढ़ी पड़ने लगी है. सीमा से सटे होने और गोल्डन होराइजन में होने के कारण कश्मीर अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के रूट में है, लेकिन चिंता की बात यह है कि अभी नशे के कारोबार के साथ-साथ नशीली चीजों के सेवन के मामले भी बहुत बढ़ चुके हैं. 


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एम्स और नेशनल ड्रग डिपेनडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (NDDTC) के एक सर्वे से पता चला है कि कश्मीर में 6 लाख लोग ड्रग्स एडिक्ट हैं, जो कि केंद्र शासित प्रदेश की आबादी का लगभग 4.6% है और इनमें से 90% ड्रग उपयोगकर्ता 17 से 33 वर्ष के आयु वर्ग के हैं.