जम्मू कश्मीर: शिक्षा विभाग ने लिया अहम फैसला, रेडियो और टीवी के जरिए ऑनलाइन क्लास का किया इंतजाम
जम्मू-कश्मीर में लगातार कोरोना लॉकडाउन और इंटरनेट सेवा ना होने की शिकायतों के चलते अब शिक्षा विभाग ने एक अहम फैसला लिया है. रेडियो और टीवी के ज़रिये बच्चों को ऑनलाइन क्लास की सुविधा का इंतेजाम किया गया है.
कोरोना लॉकडाउन और इंटरनेट और मोबाइल फोन की कमी की शिकायतों के चलते अब जम्मू-कश्मीर शिक्षा विभाग ने एक अहम फैसला लिया है. अब रेडियो और टीवी के ज़रिये भी कश्मीर घाटी के बच्चों को ऑनलाइन क्लास की सुविधा का इंतजाम शिक्षा विभाग ने किया है. इससे उन बच्चों को ज्यादा मदद मिलेगी जो इंटरनेट या मोबाइल फोन की कमी के चलते ऑनलाइन क्लास में शामिल नहीं हो सकते हैं.
आदेश अनुसार 5वीं से 8वीं कक्षा के लिए इन ऑनलाइन रेडियो क्लास का प्रसारण 26 मई से शुरू होगा और शिक्षा विभाग की मान्यता वाले सिलेबस को पढ़ाया जाएगा. प्रसारण के लिए आल इंडिया रेडियो के श्रीनगर केंद्र की मदद ली गयी है. टीवी प्रसारण के लिए दूरदर्शन के श्रीनगर केंद्र और DD-GYAN पर प्रसारित करने का प्रावधान किया गया है.
सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक 8वीं की क्लास होगी
शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार पहले चरण में विभाग पांचवी से आठवीं कक्षा के बच्चों के लिये रेडियो से ऑनलाइन क्लास का प्रसारण शुरू करेगा और इसी में पहले दिन में एक क्लास से शुरुआत होगी. वहीं आने वाले दिनों में रेडियो और टीवी से विशेष स्लॉट लेकर ज्यादा से ज्यादा ऑनलइन कॉल्स का प्रसारण करने की कोशिश होगी.
पहले चरण में सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक 8वीं की क्लास होगी, 11:30 से 12 बजे तक 7वीं कक्षा की क्लास, 12 से 12:30 तक छठी कक्षा के लिए प्रसारण होगा जब की दोपहर 3:30-4 बजे के बीच 5वीं कक्षा के लिए किसी एक सब्जेक्ट की क्लास का प्रसारण होगा.
9वीं से 12वीं कक्षा के लिए भी ऑनलाइन क्लास पर हो रहा विचार
शिक्षा विभाग आने वाले दिनों में 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए भी रेडियो और टीवी के ज़रिये ऑनलाइन क्लास शुरू करने पर विचार कर रहा है. इस के लिए स्टडी मटेरियल तैयार करने और ऐसे शिक्षकों का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है जो ऑडियो-विजुवल मैदायम से बच्चों को पढ़ा सकें.
टीवी के ज़रिये ऑनलाइन क्लास 1 जून से शुरू किये जाने का विचार है जिस पर फैसला इस हफ्ते के अंत में लिया जाएगा. जम्मू कश्मीर में 31 मई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है और इस में किसी भी तरह की रियायत पर फैसला हफ्ते के अंत में कोरोना के मामलों की समीक्षा के बाद लिया जाएगा.
कश्मीर घाटी में पिछले साल दिसंबर महीने में स्कूल कॉलेज सर्दियों की छुटियो के लिए बंद किये गए थे उसके बाद शिक्षण स्थल कभी खुल ही नहीं पाए. इसलिए बच्चों की शिक्षा पर काफी असर पड़ा है. पिछले साल भी कोरोना लॉकडाउन में इस तरह की ऑनलाइन क्लास की कोशिश हुई थी.
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