श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने श्रीनगर में पहला ऑर्गेनिक बाजार खोला है. श्रीनगर में खुले इस बाज़ार में घाटी के पांच जिलों के किसान अपने ऑर्गेनिक सामान को लोगों को आसानी से बेच सकेंगे.
श्रीनगर के एग्रीकल्चर कॉम्प्लेक्स में खुले इस पहले बाज़ार में श्रीनगर, बारामुल्ला, पुलवामा, बंदिपोर और गांदरबल में ऑर्गेनिक खेती करने वाले 300 से ज्यादा किसान शामिल हैं.
आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार जम्मू-कश्मीर आरोग्य ग्राम योजना में ऑर्गेनिक खेती को राज्य में बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है जिसके लिए केंद्र सरकार ने 25 करोड़ रूपये की राशि भी दी है.
जम्मू कश्मीर कृषि विभाग के डायरेक्टर एजाज़ अंद्राबी के अनुसार कश्मीर में किसानों की इन शिकायतों के बाद कि उनको ऑर्गेनिक खेती के लिए बाज़ार नहीं मिल रहा है इस बाज़ार का आयोजन करने और श्रीनगर में पहला बाज़ार खोलने का फैसला लिया गया. एजाज़ के अनुसार आने वाले दिनों में सभी जिला मुख्यालयों पर ऐसे बाज़ार खोले जाएंगे.
जम्मू-कश्मीर में कुल 7.35 लाख हेक्टेयर पर सब्जियों की खेती होती है और इसमें से करीब 17558 हेक्टेयर पर ऑर्गेनिक खेती होती है जिनमें कई प्रकार के मेडिसिनल प्लांट, अनाज और सब्ज़ियां उगाई जा रही हैं. आने वाले दिनों में केंद्र सरकार की मदद से 7444 हेक्टेयर अतिरिक्त खेती को इसी प्रकार की ऑर्गेनिक खेती में जोड़ा जाना है.
ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानो को अब दोहरी ख़ुशी मिली है- एक तरफ सरकार कि मदद से उनके खेतों में उगने वाली सब्जियों और अनाज पर लागत कम हो गयी है वहीं बाज़ार लगने से उनको खाद्य पदार्थो की अच्छी कीमत भी मिलने लगी है जिससे किसानों की आमदनी भी बढ़ गई गई.
पुलवामा के किसान इरशाद अहमद डार के मुताबिक इस तरह की खेती में उनको कोई भी खर्चा नहीं करना पड़ता है, ना तो केमिकल खाद और ना ही किसी अन्य पदार्थ का इस्तेमाल होता है और तैयार माल की कीमत दोगुनी मिल रही है. पुलवामा के पुत्लिपोरा (जहां से इरशाद इस बाज़ार में आए थे) में करीब पचास किसान क्लस्टर ऑर्गेनिक खेती कर रहे है और सब की आमदनी कई गुना बड़ी है.
पिछले तीन सालों में जम्मू कश्मीर में भी ऑर्गेनिक खेती के सामान की मांग बड़ी है और लोग बिना कैमिकल वाले पदार्थों का इस्तेमाल करने लगे हैं. श्रीनागर के रहने वाले ज़हूर कवूसा के मुताबिक आज कल लोग स्वास्थ के प्रति बहुत जागरुक हो गए हैं और ज्यादा कीमत देकर भी बिना कैमिकल वाले खाद्य पदार्थ खरीद रहे है.
सिर्फ इतना ही नहीं, कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोरोना कॉल में बड़ी संख्या में लोगों ने किचन गार्डन में भी इसी तरह की ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया है जिसके चलते किचन गार्डन में 500% की बढ़ोतरी हुई है.
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