नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद आज से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं. इसी के साथ देश में राज्यों की संख्या जो अब तक 29 थी, वो घटकर 28 हो गई है और केंद्रशासित प्रदेश 7 से बढ़कर 9 हो गए हैं. इस बदलाव का सबसे बड़ा असर यह हुआ है कि अब जम्मू-कश्मीर और देश के दूसरे राज्यों में कोई फर्क नहीं है. जम्मू-कश्मीर की जनता को भी देश के बाकी राज्यों की जनता के तरह ही अधिकार मिलेंगे. डानें आज से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कानून में क्या कुछ बदल रहा है.


नई व्यवस्था से क्या क्या बदलेगा?




  • जम्मू कश्मीर को देश के दूसरे राज्य से अलग करने वाले कानून खत्म हो जाएंगे. राज्य का विशेष दर्जा खत्म.

  • जम्मू-कश्मीर में अब रनबीर पेनल कोड की जगह इंडियन पेनल कोड यानी आईपीसी की धाराएं काम करेंगी.

  • गाड़ियों पर राज्य के लाल झंडे की जगह अब सिर्फ भारत का राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा.

  • राज्य के 420 स्थानीय क़ानूनों में से अब सिर्फ 136 कानून ही बचे हैं.

  • राज्यपाल नहीं अब उप-राज्यपाल का पद होगा.

  • विधानसभा सीटों की संख्या अब 89 से बढ़ाकर 114 की जाएगी.


शासन व्यवस्था किस तरह चलेगी?


पुलिस व्यवस्था




  • जम्मू कश्मीर में डीजीपी का मौजूदा पद कायम रहेगा.

  • लद्दाख में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस वहां के पुलिस का मुखिया होगा.

  • दोनों ही केन्द्र शासित राज्यों की पुलिस केन्द्र सरकार के निर्देश पर काम करेंगी


हाईकोर्ट


फिलहाल जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर और जम्मू बेंच मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत काम करेंगी.


लद्दाख के मामलों की सुनवाई भी अभी की तरह ही होगी.चंडीगढ की तर्ज पर इसे लागू करने का फैसला लिया गया है.


केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती




  • आनेवाले दिनों में भी इन दोनों केन्द्र शासित राज्यों में केन्द्र सरकार के निर्देश पर ही केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती होगी.


आयोग का कामकाज




  • जम्मू कश्मीर और लद्दाख में फिलहाल जो आयोग काम कर रहे थे, अब उनकी जगह केन्द्र सरकार के आयोग अपनी भूमिका निभाएंगे.


विधायिका का कामकाज




  • दोनों केन्द्र शासित राज्यों में एलजी की भूमिका प्रमुख होगी और उन्ही की अनुमति से महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे.


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