श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोरा ने ऑल पार्टी की मीटिंग बुलाई है. इस बैठक में राजनीतिक हालात और कश्मीर की स्थिति पर चर्चा होगी. पार्टी से यह सवाल भी पूछा जाएगा कि राज्य में कब चुनाव होना चाहिए. इस बैठक में हर पार्टी के राजकीय अध्यक्ष को बुलाया गया है.
केन्द्र सरकार को करारा जवाब दें- निर्दलीय विधायक
बता दें कि इस बैठक से पहले निर्दलीय विधायक इंजीनिजर राशिद ने पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस से अपील की है कि दोनों पार्टी मिलकर राज्य में मिलकर सरकार बनाएं और केन्द्र सरकार को करारा जवाब दें. राज्यपाल एन एन वोरा ने बुधवार को भी प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की थी.
आईपीएस विजय कुमार बने राज्यपाल के सलाहकार
जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगते ही आतंकियों के खिलाफ ऑपेरशन में तेजी लाने की नीति के तहत सुपर कॉप के नाम से विख्यात रिटायर्ड आईपीएस विजय कुमार को राज्यपाल का सलाहकार बनाया गया है, जो यूनिफाइड कमांड के साथ मिलकर आतंकियों के खिलाफ ऑपेरशन और पत्थरबाज़ों से निपटने की प्लानिंग करेंगे.
केंद्र से मिले विशेष पैकेज के तहत चल रही योजनाओं के सही अमल पर ज़ोर होगा, ताकि विकास के जरिए अलगाववादी ताक़तों को अलग थलग किया जा सके. इस काम को अंज़ाम देने की पहल केंद्र सरकार के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा करेंगे, जिन्हें कैबिनेट सचिव का दर्जा हासिल है.
साल 2015 में हुए थे राज्य में चुनाव
राज्य में 87 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2015 में हुए चुनाव में बीजेपी को 25, पीडीपी को 28, नेशनल कांफ्रेंस को 15, कांग्रेस को 12 और अन्य को सात सीटें मिली थीं. सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 44 सीटें चाहिए.
बीजेपी ने वापल ले लिया था पीडीपी से समर्थन
बता दें कि 19 जून को जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था. समर्थन वापसी को लेकर बीजेपी ने कहा था कि राज्य सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी, इसलिए सरकार गिराने की मजबूरी थी. महबूबा सरकार गिरने के बाद 20 जून को राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था.
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