जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार नौकरियों में जम्मू-कश्मीर से बाहर के लोगों के लिए आवेदन में छूट दी गयी है. इस कदम के साथ ही जम्मू-कश्मीर में नौकरियों के लिए मूल निवासियों को आरक्षण देने की मांग उठाने वालों को झटका लगा है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संयुक्त हाई कोर्ट ने देश भर से रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे हैं.
गौरतलब है कि अब तक राज्य सरकार में किसी भी पद की भर्ती के लिए स्थायी निवासी प्रमाणपत्र का होना ज़रूरी होता था, जिसका साफ़ मतलब है कि सरकार में किसी भी प्रकार की नौकरी के लिए सिर्फ जम्मू-कश्मीर में मूल निवासी ही आवेदन दे सकते थे.
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से जारी विज्ञापन में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शसित प्रदेशों के नागरिकों समेत पूरे भारत के नागरिकों से 33 विभिन्न रिक्त पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं. इस विज्ञापन में आगे कहा गया है कि जो आवेदक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से नहीं है वो अपने आवेदन जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के जम्मू के रजिस्ट्रार जनरल तक पहुंचा सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद अभी तक नौकरियों को लेकर नियम स्पष्ट नहीं थे. हालांकि, बीजेपी समेत जम्मू के कई राजनैतिक दल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों के लिए आरक्षण की मांग करते रहे हैं. देश भर से जिन पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं उनमें सीनियर स्केल स्टेनोग्राफर, जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर, स्टेनो टाइपिस्ट आदि हैं जिनके लिए आवेदकों का ग्रेजुएट होना ज़रूरी है.
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