OmarAbdullah On JKSSB: जम्मू-कश्मीर (jammu&kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (OmarAbdullah) ने सोमवार (20 मार्च) को जम्मू में एक सभा की. सभा में कई मुद्दों पर बात करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) पर जमकर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती राज्य में किसी भी सरकार ने आतंकवादियों को नौकरी नहीं दी और न ही उन लोगों को दंडित किया जो आतंकवादियों के रिश्तेदार थे. सभा के बाद मीडिया से रूबरू होने पर उमर अब्दुल्ला ने जेकेएसएसबी परीक्षा में हुई धांधली का भी जिक्र किया. उमर ने सरकार को घेरते हुए कहा- शासन आम आदमी के लिए होना चाहिए, न कि कुछ चुनिंदा लोगों के लिए.
क्या मनोज सिन्हा को जेल जाना चाहिए?
उमर ने सभा में कहा, "क्या आपको आपके पिता के अपराध के लिए दंडित करना उचित है?" उन्होंने पूछा, "कल अगर मनोज सिन्हा का कोई करीबी रिश्तेदार अपराध करता है, तो क्या मनोज सिन्हा को जेल जाना चाहिए?" उमर ने कहा कि वह इस बात की वकालत नहीं कर रहे हैं कि कट्टर उग्रवादियों को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए, लेकिन यह भी कहा कि किसी को केवल इसलिए दंडित करना भी गलत है क्योंकि उनका एक आतंकवादी से संबंध होने का दुर्भाग्य है.
इससे पहले, जब जम्मू और कश्मीर के राजनेताओं ने प्रशासन से जेकेएसएसबी परीक्षा कराने के लिए एक प्रतिबंधित कंपनी को काम पर रखने को लेकर सवाल किया, तो सिन्हा ने जानना चाहा कि आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों को अतीत में सरकारी नौकरी कैसे मिली. उमर ने बताया कि पिछले दो वर्षों में जम्मू और कश्मीर में लगभग 30,000 युवाओं को नौकरियां प्रदान की गई हैं. जब चयन सवालों के घेरे में आए, तो इसकी जांच देश की प्रमुख जांच एजेंसी ने की.
जेकेएसएसबी परीक्षा की सीबीआई जांच होनी चाहिए
उमर अब्दुल्ला ने जेकेएसएसबी परीक्षा के एस्पायरेंट्स की बात करते हुए कहा कि उनके साथ खिलवाड़ किया गया है. जिस तरह से ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ये टेंडर दिया गया है, जो पूरे देश में पहले से ब्लैकलिस्ट है. अब कहा जाता है कि टेंडर कैंसिल कर दिया गया, लेकिन इसपे युवाओं को अभी संदेह है. उनके मुताबिक वर्तमान प्रशासन पूरी तरह से नाकाम है. अब्दुल्ला ने प्रशासन से मांग की है कि इस घोटाले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए. उमर ने कहा कि नौजवानों को आश्वस्त किया जाए कि उनके भविष्य के साथ आगे खिलवाड़ नही होगा.
शासन आम आदमी के लिए होना चाहिए, न कि....
अब्दुल्ला ने कहा कि सरकारी नौकरियों को लेकर एक और सवाल भी लटका हुआ है. इस मुद्दे को उठाने वालों को इस बात पर विचार करना चाहिए कि आतंकवादियों के परिवार के सदस्य सरकारी सेवाओं में कैसे हैं. अब्दुल्ला ने सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन लोगों को याद रखना चाहिए कि शासन आम आदमी के लिए होना चाहिए, न कि कुछ चुनिंदा लोगों के लिए. हमें यह पूछने की जरूरत है कि आतंकवादियों के परिवारों को सरकारी सेवाओं में पहले कैसे भर्ती किया गया था. पहले कैसे अलगाववादियों को नौकरी दी जाती थी. उन्होंने कहा कि इस तरह के जघन्य कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों पर सवाल उठाना चाहिए.
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