जम्मू: जम्मू के नगरोटा में शुक्रवार को एनकाउंटर में ढेर हुए जैश-ए-मोहम्मद के तीनों आतंकियो ने घुसपैठ कर एक नाले के रास्ते से अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जम्मू पठनकोट हाईवे तक का सफर तय किया था.जांच एजेंसियां अब मारे गए तीनो आतंकियों के उस प्वाइंट का पता करने में जुटी है जहां से उन तीनों ने घुसपैठ की थी.
नगरोटा एनकाउंटर में पकड़ं गए आतंकियों के तीनो मददगारों - समीर अहमद डार, आसिफ अहमद मट्टू और आसिफ अहमद मलिक से जांच एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही है.इनसे पूछताछ में एजेंसियां पाकिस्तान की उस साजिश को समझने की कोशिश कर रही है जिससे पाकिस्तान आतंकियों को न केवल भारत भेज रहा है बल्कि उन्हें आराम से ट्रकों में बिठा कर जम्मू से श्रीनगर भी भेज रहा है.
सूत्रों की मानें तो नगरोटा में मारे गए तीनों आतंकी 30 जनवरी को कठुआ-साम्बा के बीच घुसपैठ कर एक नाले के रास्ते जम्मू-पठनकोट हाईवे तक पहुंचे थे.दरअसल, करीब 100 किलोमीटर लम्बे जम्मू पठानकोट हाईवे पर दर्जन भर से अधिक ऐसे छोटे बड़े ऐसे नाले है जो सीधा पाकिस्तान जाते हैं.
पकड़े गए तीनो आतंक के मददगारों से पूछताछ में यह भी पता लगा है कि पाकिस्तान एक सोची समझी साजिश के तहत इन आतंकियों को नदी नालों के रास्ते भारत भेज रहा है.इन रास्तों से घुसपैठ करना कई कारणों से आसान है क्योंकि इन रास्तों से घुसपैठ करने के लिए आतंकियों को किसी गाइड की ज़रुरत नहीं पड़ती और साथ ही यह नदी नाले सीमा से सीधा नेशनल हाईवे पर निकलते है.वहीं, इन नदी नालों में उगी जंगली घास घुसपैठ कर आये आतंकियों के लिए छिप कर निकलने में काम आती है.
सुरक्षा एजेंसियो को शक है कि मारे गए तीनो आतंकियों ने सीमा पर बनी किसी सुरंग का इस्तेमाल भी किया हो सकता है.अब एजेंसियां पकड़ं गए आतंक के मददगारों के पास मिले जीपीएस की लोकेशन से घुसपैठ के पूरे रास्ते को समझने की कोशिश कर रही हैं.
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