Jammu Kashmir: 'जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकवाद और कानून-व्यवस्था की चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटी है', बोले LG मनोज सिन्हा
LG Manoj Sinha: जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और राज्य पुलिस की तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने युवाओं के लेकर भी बात की.
Jammu and Kashmir Police: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार (19 जून) को कहा कि पुलिस ने आतंकवाद, कानून-व्यवस्था और आधुनिकीकरण की चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटा है. उन्होंने कहा, पुलिस बल अपने आंतरिक सुरक्षा प्रबंधन के जरिए यह सुनिश्चित कर रहा है कि एक आम नागरिक बिना किसी डर के जम्मू-कश्मीर में रह सके.
डल झील के किनारे एसकेआईसीसी में जश्न-ए-दल कार्यक्रम के समापन समारोह में एक सभा को संबोधित करते हुए एलजी सिन्हा ने कहा, "कश्मीर के लोग आंतरिक सुरक्षा के सफल प्रबंधन के कारण वर्तमान में शांतिपूर्ण माहौल में रह रहे हैं." मनोज सिन्हा ने युवाओं को खेल से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में अपना भविष्य चुनने की सलाह दी. जम्मू-कश्मीर पुलिस के आयोजित इस कार्यक्रम में 700 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया.
'युवाओं का भविष्य खेल के जरिए बदल रही पुलिस'
जम्मू-कश्मीर पुलिस की सराहना करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद, कानून-व्यवस्था और आधुनिकीकरण की चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटा है और अभी युवाओं का भविष्य खेल के जरिए भी बदल रही है."
60 लाख युवाओं ने खेल गतिविधियों में भाग लिया
एलजी ने कहा, "डल झील सिर्फ एक झील नहीं बल्कि लोगों का गौरव है. जिन लोगों ने इसकी सफाई में हिस्सा लिया है, उन्हें अपना काम जारी रखना चाहिए, ताकि झील की सफाई हो सके. युवा सेवा खेल विभाग ने सराहनीय कार्य किया है." उन्होंने कहा कि पिछले साल, 60 लाख युवाओं ने जम्मू-कश्मीर में विभिन्न खेल संबंधी गतिविधियों में भाग लिया. शायद ही कोई जिला ऐसा हो जहां रोजाना खेल गतिविधियां या कोई बड़ा टूर्नामेंट न होता हो.
जम्मू-कश्मीर में दो अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम
एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में खेल के बुनियादी ढांचे को उन्नत किया है. उन्होंने कहा, "दो अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में हैं. हर जिले और पंचायत में बहुउद्देश्यीय खेल सुविधाओं के अलावा वॉलीबॉल और फुटबॉल के मैदान हैं."
उन्होंने कहा कि श्रीनगर को एक नई पहचान मिली है और चर्चा चल रही है कि जहां तक विकास और पुनर्गठन का सवाल है, केंद्र सरकार को देश में श्रीनगर मॉडल का पालन करना चाहिए.
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