जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने वीडियो मैसेज में कोरोना मामलों पर बात करते हुए कहा कि टेस्टिंग और टीकाकरण से कोरोना को कंट्रोल किया जा सकता है. वहीं, वीडियो मैसेज से उन्होंने लोगों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद की अपील की है.
मनोज सिन्हा ने आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से ग्रामीण इलाकों में कोविड के संक्रमण को रोकने में सहयोग करने को कहा है. दूसरी लहर को थामने के साथ-साथ तीसरी लहर के लिए तैयरियां भी शुरू हो गई है. जम्मू कश्मीर के सभी पंचायत में कम से कम 5 बेड वाला कोविड केयर सेंटर बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
मनोज सिन्हा का सारा जोर वैक्सीनेशन और कोविड टेस्टिंग पर है
यूपी जैसे राज्य टेस्ट, ट्रेस और ट्वीट के फॉर्मूले पर कोरोना के कहर को रोकने में जुटे हैं पर जम्मू कश्मीर की अलग रणनीति है. वहां लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा का सारा जोर वैक्सीनेशन और कोविड टेस्टिंग पर है. देश के बाकी इलाकों में टीकाकरण की रफ्तार बहुत धीमी है. लेकिन जम्मू कश्मीर में ये काम तेजी से हो रहा है. 45 से अधिक उम्र के लोगों को भी डोज मिल रहे हैं और उससे कम आयु के लोगों को भी.
लक्ष्य के हिसाब से अब तक 63 % लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है
मुंबई और दिल्ली में तो टीकाकरण एक तरह से बंद हो गई है. जम्मू कश्मीर के सभी पंचायतों में 5 बेड वाले अस्पताल बन जायें जिसमें एक बेड कम से कम ऑक्सीजन वाला हो. ऐसी कोशिशें जारी हैं. जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा का दावा है कि, लक्ष्य के हिसाब से अब तक 63 % लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के बेहतर इलाज के लिए पंचायत स्तर पर डॉक्टरों की टीम बनाई गई है. मेडिकल टीम हर दिन दो बार ऐसे लोगों से फोन पर बातचीत कर उनका हाल चाल लेती है.
तबीयत बिगड़ने पर ऐसे लोगों को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. सिन्हा ने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए शिक्षकों से लेकर आंगनवाड़ी और आशा वर्कर को भी ट्रेनिंग दी जा रही है. पंचायत स्तर पर चुने गए जन प्रतिनिधियों को भी इस अभियान में शामिल किया गया है.
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