श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में घरों में छिपे आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए आज एक बड़ा अभियान शुरू किया गया. इस अभियान के तहत हेलिकॉप्टर और ड्रोन ने हवा में चक्कर लगाए और चार हजार से अधिक जवान क्षेत्रभर में फैल गए.


सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के जवान


सेना के सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों पर हमला करने वाले इस क्षेत्र और घरों के अंदर छिपे आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए अभियान सुबह तड़के शुरू किया गया. सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के जवान जिले के 12 से अधिक गांवों की ओर आगे बढ़े.


सेना के एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि यहां से 55 किलोमीटर दूर शोपियां में चलाया गया अभियान संकटग्रस्त कश्मीर घाटी में एक दशक से भी अधिक समय का अब तक का सबसे बड़ा अभियान है.


घर घर जा कर तलाशी अभियान


घर घर जा कर तलाशी अभियान को आज दोबारा शरू किया गया. 1990 के अंत में इसे बंद कर दिया गया था. सैनिकों ने ग्रामीणों से एक क्षेत्र में इकट्ठा होने के लिए कहा ताकि उनके घरों की अच्छे से तलाशी ली जा सके.


अभियान में शामिल सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,‘‘हम नहीं चाहते थे कि कोई भी नागरिक हताहत हो और इसके लिए कोई कदम उठाना जरूरी था.’’ एक अन्य अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में विदेशी आतंकवादियों सहित आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया था. हालांकि अभी तक किसी आतंकवादी से कोई संपर्क नहीं हुआ है.


तुर्कावांगन गांव में पथराव़ की एक छोटी घटना


सुरक्षा बल को जमीन पर सहायता देने के लिए कंसील्ड एंटी टेरेरिस्ट का दल था वहीं ड्रोन सैनिकों को पल पल की खबर दे रहा था. एक अधिकारी ने बताया कि तुर्कावांगन गांव में पथराव़ की एक छोटी घटना को छोड़ कर अभियान ठीक से चल रहा है.


तलाशी अभियान पूरा करने के बाद सुरक्षा बलों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि कहीं कोई आतंकवादी बच के न निकल गया हो, एक बार फिर पूरे क्षेत्र में ‘रिजर्व स्वीप’ किया.


‘इसमें कुछ भी नया नहीं है. गश्त अभियान पहले भी हुआ करते थे.’


उधर दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कहा कि सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर में घुसपैठ रोधी सुरक्षा को बढ़ा दिया है. जनरल रावत ने कहा,‘‘इसमें कुछ भी नया नहीं है. गश्त अभियान पहले भी हुआ करते थे.’