जम्मू कश्मीर में नए सिरे से परिसीमन को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है. इसी कड़ी में आज दिल्ली में परिसीमन कमीशन की बैठक हुई जिसमें तय किया गया कि 6 जुलाई से लेकर 9 जुलाई तक परिसीमन कमीशन के अधिकारी जम्मू कश्मीर के दौरे पर जाएंगे और वहां जाकर संबंधित पक्षों से मुलाकात और बात करेंगे.


आज हुई परिसीमन कमीशन की बैठक की इस वजह से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री ने कुछ ही दिनों पहले जम्मू कश्मीर के अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ जम्मू कश्मीर के हालातों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री ने भी साफ तौर पर कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव परिसीमन का काम पूरा होने के बाद ही हो सकता है.


कमीशन अगले महीने 4 दिनों के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाएगा


केंद्रीय चुनाव आयोग सुशील चंद्रा की मौजूदगी में हुई परिसीमन कमीशन की बैठक के दौरान यह तय किया गया कि कमीशन अगले महीने 4 दिनों के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाएगा. इन 4 दिनों के दौरान परिसीमन कमीशन जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों, उनके प्रतिनिधियों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करेगा. इसके साथ ही परिसीमन कमीशन स्थानीय चुनाव आयुक्तों के साथ भी बैठक कर जमीनी दिक्कतें और समीकरण समझने की कोशिश करेगा.


परिसीमन कमीशन ने उम्मीद जताई है कि इस दौरे के दौरान सभी पक्ष परिसीमन के सामने अपनी अपनी बातों को रखेंगे और पूरा सहयोग करेंगे. जिससे कि जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर के परिसीमन का काम को पूरा किया जा सके.


परिसीमन कमीशन के कार्यकाल को अगले साल मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया


गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे के साथ ही जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का ऐलान किया गया था और उसी के बाद नए सिरे से परिसीमन करने की घोषणा भी की गई थी. इसी परिसीमन को करने के लिए मार्च 2020 में 1 साल के लिए परिसीमन कमीशन का गठन किया गया था लेकिन कोरोना काल के चलते परिसीमन कमीशन अपने काम को पूरा नहीं कर पाया. इसी को ध्यान में रखते हुए परिसीमन कमीशन के कार्यकाल को अगले साल मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.


इससे पहले प्रधानमंत्री ने 24 जून को जब जम्मू कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी तो उस दौरान जब राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव संपन्न कराने की मांग की तो सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने चुनावों से पहले परिसीमन का काम पूरा करने की बात कही थी.


नए सिरे से परिसीमन के बाद जम्मू कश्मीर में सीटों की संख्या पहले से और ज्यादा बढ़ जाएगी. इसी वजह से उम्मीद यही जताई जा रही है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत तक होने की गुंजाइश काफी कम है.


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