नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में 5 अक्टूबर को हुए दोनों हत्याकांड की जांच NIA करेगी. लाल बाजार में हुई केमिस्ट माखन लाल बिन्दरू और  भेलपुरी बेचने वाले वीरेंद्र पासवान के कत्ल की तफ्तीश NIA करेगी, बिन्दरू कश्मीरी पंडित है जबकि पासवान बिहार के मजदूर थे. 


जम्मू कश्मीर में 5 अक्टूबर को हुए दोनों हत्याकांड की जांच NIA करेगी. लाल बाजार में हुई केमिस्ट माखन लाल बिन्दरू और  भेलपुरी बेचने वाले वीरेंद्र के कत्ल की तफ्तीश NIA करेगी. बिन्दरू कश्मीर पंडित हैं जबकि पासवान  बिहार के मजदूर थे. 


इस बीच खबर है कि जम्मू कश्मीर में बढ़ी आतंकी घटनाओं को लेकर सरकार एक्शन में है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी और NIA के डीजी के बीज श्रीनगर में कई बैठकें हुई हैं. एनआईए के डीजी कुलदीप सिंह इनदिनों कश्मीर के दौरे पर हैं. डीजी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने राज्य सरकार की मार्फत MHA को लिखी चिट्ठी थी. पुलिस ने जानकारी दी थी कि NIA इस केस में आतंकी साजिश की तफ्तीश करेगी.


आतंक  के खिलाफ आखिरी प्रहार के लिए तैयारी
भारत को आंसू देने वाले आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को सबक सिखाने के लिए सेना तैयार है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी पूरे मामले पर निगाह रख रहे हैं. तैयारी इस बात की है कि दम तोड़ते आतंकी की आखिरी चाल को चार प्रहारों से नाकामयाब किया जाए.


गृहमंत्री शाह ने की समीक्षा बैठक,  CRPF के DG को कश्मीर भेजा- सूत्र
समोवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में सुरक्षा के हालात की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों के महानिदेशक और खुफिया विभाग व गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इसी के बाद आतंक पर चौतरफा प्रहार करने की तैयारी की गई. जिसके तहत स्पेशल टीम कश्मीर पहुंच भी गई है. 


गृहमंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक CRPF के DG कुलदीप सिंह को जम्मू कश्मीर भेजा गया है. सिर्फ इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर में IB, NIA, सेना, CRPF के सीनियर अधिकारी इस समय कैम्प कर रहे हैं. जो हर एक इंटेलिजेंस इनपुट्स को मॉनिटर कर रहे हैं ताकि आतंकियों के इस नई साजिश को तत्काल खत्म किया जाए. 


घाटी में बन रहे नए संगठन, आतंकी छोटे हथियारों का कर रहे इस्तेमाल
कश्मीर में पाकिस्तान की नई साजिश के सबूत दिखने शुरू हो गए हैं. सिर्फ अक्टूबर की बात करें तो एकनकाउंटर अब तक हुए हैं 13 जबकि इस दौरान 14 आतंकियों को ढेर किया गया है.  इस दौरान 9 जवान शहीद हुए हैं, जबकि 11 नागरिकों की हत्या हुई है.  आतंकी अब नए संगठनों के जरिए नई रणनीति पर काम कर रहे हैं. 


तीन नए संगठनों के नाम सामने आ चुके हैं. जैसे, TRF यानी द रजिस्टेंस फ्रंट जो गरीब मजबूरों की हत्या कर रही है. ऐसा ही एक और संगठन ULF यानी  यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट है, जबकि तीसरा नया आतंकी संगठन है 'हरकत 313'. इसे विकास कार्यों पर हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.