जम्मू: जम्मू-कश्मीर पुलिस का मानना है कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से पुलिस पर राजनीतिक दबाव कम हो गया है और वो अब खुले हाथों से काम कर रही है. पुलिस के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में अभी भी 250 आतंकी सक्रिय हैं जिनमें से 102 आतंकी पाकिस्तानी हैं.


जम्मू में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए माना कि 5 अगस्त को धारा 370 और अनुछेद 35-ए हटने और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से पुलिस अब बिना राजनीतिक दबाव के काम कर रही है. पुलिस महानिदेशक से जब पूछा गया कि क्या केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पुलिस में राजनैतिक दखलंदाज़ी कम हुई है? तो जवाब में उन्होंने माना कि जम्मू-कश्मीर में पुलिस पर काम के दबाव में कमी आयी है.


जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक ने दावा किया कि साल 2018 में जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या 300 थी, जो साल 2019 में घटकर 250 हो गयी है. हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय 250 आतंकियों में से 102 विदेशी यानि पाकिस्तानी हैं. उन्होंने आगे दावा किया कि साल 2019 में 139 युवा विभिन्न आतंकी संगठनों में शामिल हुए. लेकिन इन युवाओं में कई सुरक्षाबलों के हाथों मारे भी गए. जम्मू-कश्मीर में साल 2019 में कुल 160 आतंकी मारे गए.


वहीं, साल 2019 में भी पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में आतंक को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं छोड़ी. पाकिस्तान ने साल भर में 130 घुसपैठ की कोशिशों को अंजाम दिया जबकि यह आंकड़ा साल 2018 में 143 था. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने इस साल पिछले साल के मुक़ाबले घुसपैठ की कई अधिक घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की जिन्हें सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में साल 2019 में कानून व्यवस्था को बेहतर ढंग से संभाला गया.


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