नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के त्राल में अगवा पुलिस जवान मुदस्सिर अहमद लोन को आतंकियों ने छोड़ दिया है. मुदस्सिर अहमद लोन सुरक्षित अपने घर वालों के पास पहुंच गए हैं. सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मुदस्सिर अहमद लोन की तलाश के लिए दो दिन तक सर्च ऑपरेशन चलाया था. अगवा जवान मुदस्सिर अहमद लोन के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था, जवान की मां ने आतंकियों से अपील करते हुए कहा था कि मुदस्सिर 3 लड़कियों का अकेला भाई है, उसे छोड़ दें. आतंकियों ने शुक्रवार रात को मुदस्सिर अहमद लोन को उनके घर से अगवा किया था.


मुदस्सिर अहमद लोन को छोड़ने से पहले आंतिकियों ने उनका एक वीडियो भी बनाया. इस वीडियो में वह कह रहे हैं कि एसपीओ को आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी पुलिसकर्मियों को देने का जिम्‍मा दिया गया है. आतंकियों ने एसपीओ को धमकी दी है कि आने वाले शुक्रवार तक नौकरी छोड़ दें नहीं तो उन्‍हें मार दिया जाएगा.


दो महीने में तीन जवानों की हत्या
आतंकियों ने पिछले दो महीने में तीन जवानों को अगवा कर उन्हें मार दिया. पहले 6 जुलाई को आतंकियों ने शोपियां में पुलिस का जवान जावेद अहमद डार को अगवा कर हत्या कर दी. कांस्टेबल जावेद एसएसपी के साथ तैनात थे और अपनी मां के इलाज के लिए घर आए थे. जावेद अहमद डार का शव कुलगाम से मिला था. सेना के राइफलमैन औरंगजेब की भी शहादत याद होगी आपको. 14 जून की शाम को औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव पुलवामा जिले के गुस्सु गांव में बरामद हुआ था.


ईद की छुट्टियां मनाने घर जा रहे औरंगजेब को भी रास्ते से अगवा कर बुरी तरह टार्चर किया गया, वीडियो कैमरे पर उसका कबूलनामा बनाया गया था. 44 राष्ट्रीय रायफल का जवान औरंगजेब सेना की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने हिजबुल के कमांडर समीर टाइगर को ढेर कर दिया था. यही नहीं, जैश-ए- मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के भतीजे महमूद भाई को जिस सेना की टीम ने मारा था, औरंगजेब उस टीम का भी हिस्सा रहे थे. इसी का बदला लेने के लिए आतंकियों ने औरंगजेब को निशाना बनाया था.