जम्मू कश्मीर: आज "नेशनल एंटी-टेररिज्म डे" पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी आंतकवाद को खत्म करने की शपथ ली. 21 मई को पूरे देश में राष्ट्रीय आतंवाद विरोधी दिन के तौर पर मनाया जाता है और कश्मीर जैसी आतंकवाद ग्रस्त जगह में यह दिन और ज्यादा महतपूर्ण बन जाता है.


कश्मीर जोन के ईजी विजय कुमार ने श्रीनगर में पुलिस जवानों को शपथ दिलवाई. वहीं पुलिस के ईजी ने आतंकवाद को कश्मीर की जनता के लिए एक बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि अभी पुलिस प्रशासन जहां कोरोना से लड़ रही है वहीं बड़ी संख्या में युवाओं के आतंकवादी संगठनों में शामिल होना चिंता की बात है. पुलिस इन बच्चों के परिवारों से मिलकर इनको वापस लाने के प्रयास कर रही है.


भारत भी इस आतंकवाद की समस्या से सालों से जूझ रहा है.


दरअसल आज भी कई ऐसे देश है जो बरसो से आतंकवाद की जंग लड़ रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें निजात नहीं मिल सकी है. भारत भी इस आतंकवाद की समस्या से सालों-सालों से जूझ रहा है. आज के दिन उन जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने आंकदवादी हमलों में अपनी जान गवां दी है. आज के दिन उन हजारों सैनिकों के बलिदान को याद कर उन्हें सम्मान दिया जाता है.


बता दें, इस दिन की आधारिक घोषणा 21 मई 1991 को देश के सातवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद हुई थी. उस वक्त तत्कालीन वी.पी. सिंह सरकार ने 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी.


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