Grenade Attack Cases: जम्मू और कश्मीर पुलिस ने 19 अक्टूबर, 2024 को पुंछ जिले में जम्मू और कश्मीर गजनवी फोर्स (JKGF) के दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद कई ग्रेनेड हमलों की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है. पुलिस अधिकारियों ने इसे सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता बताया.
जम्मू जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) आनंद जैन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि 18 अक्टूबर को ज्वाइंट ऑपरेशन में पुलिस, 37 राष्ट्रीय राइफल्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 38वीं बटालियन ने दो आतंकियों अब्दुल अजीज और मंवर हुसैन को गिरफ्तार किया. इस ऑपरेशन में आतंकवादी अजीज से दो ग्रेनेड बरामद किए गए. बाद में अजीज के घर से ग्रेनेड बरामद हुआ. उनके सहयोगी मंवर हुसैन से एक पिस्टल, एक मैगजीन और नौ गोलियां भी बरामद की गईं.
आतंकी गतिविधियों और नेटवर्क का भंडाफोड़
पुलिस के अनुसार, इन आतंकियों ने धार्मिक स्थलों और अस्पतालों पर ग्रेनेड हमले किए थे. वे इसके अलावा आतंकवाद को बढ़ावा देने, आतंकवाद के लिए वित्तीय सहायता जुटाने और हथियारों की तस्करी में भी शामिल थे. इन आतंकियों के गिरफ्तार होने से पिछले साल नवंबर से लेकर अब तक पुंछ में हुए सभी पांच ग्रेनेड हमलों की जांच पूरी कर ली गई है. आतंकी अजीज और हुसैन के इंट्रोगेशन में पता चला कि उन्हें सीमा पार से चार कंसाइनमेंट्स के जरिए हथियार, गोलियां और 1.5 लाख की रकम मिली थी. उन्हें पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी, और वे जंगलों में प्रैक्टिस भी कर रहे थे.
अजीज ने पिछले साल 15 नवंबर को सुरनकोट में शिव मंदिर, 26 मार्च को पूंछ के महंत साहिब गुरुद्वारे, छह जून को कमसर में सेना के गार्ड पोस्ट और 14 अगस्त को सीआरपीएफ गार्ड पोस्ट के पास एक स्कूल मैदान में ग्रेनेड फेंके थे. वहीं, हुसैन ने 18 जुलाई को जिला अस्पताल के पास एक ग्रेनेड फेंका था. आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हुसैन ने अलग-अलग जगहों पर एंटी-नेशनल पोस्टर भी लगाए थे. ये पोस्टर हुसैन के घर में प्रिंट किए गए थे और अगस्त 2023 में उनके हैंडलर के कहने पर लगवाए गए थे.
आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई जारी
अधिकारियों ने बताया कि इस ऑपरेशन में एक अन्य सदस्य मोहम्मद शबीर को 12 सितंबर को बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया था. अजीज ने ही उसे विस्फोटक उपलब्ध कराए थे. एडीजीपी आनंद जैन ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. इसके साथ ही आतंकियों के समर्थन नेटवर्क का खात्मा भी किया जाएगा और उनके सपोर्टर्स की संपत्ति भी जब्त की जाएगी.
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