जम्मू: कश्मीर घाटी में संचार-व्यवस्था ठप्प होने और तमाम प्रतिबंधों के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने राजनेताओं, कार्यकर्ताओं सहित 100 से अधिक लोगों को शांति के लिए खतरा होने का हवाला देते हुए गिरफ्तार किया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''100 से अधिक राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को अभी तक घाटी में गिरफ्तार किया गया है.'' उन्होंने हालांकि गिरफ्तारी के संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी.


अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला रविवार रात से नजरबंद थे. उन्हें राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए खतरा बताते हुए सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्होंने बताया कि 'जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस' के नेता सज्जाद लोन और इमरान अंसारी को भी गिरफ्तार किया गया है.


अधिकारियों ने बताया कि नेताओं को उनके निवास से कुछ मीटर की दूरी पर हरि निवास में रखा गया है. उन्होंने बताया कि कश्मीर घाटी में उनकी गतिविधियों से शांति और सौहार्द में खलल पैदा होने के डर के चलते मजिस्ट्रेट ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने की घोषणा के बाद ये गिरफ्तारियां हुई हैं.


पत्थरबाजी की कुछ घटनाओं को छोड़कर जम्मू-कश्मीर में हालात सहज
पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर जम्मू-कश्मीर के तीनों क्षेत्रों में हालात सहज हैं. अधिकारियों ने कहा कि पत्थरबाजी की कुछ घटनाओं की जानकारी मिली है. राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर में कुछ दुकानें खुलीं और पाबंदियों के बावजूद सड़कों पर लोगों की आवाजाही बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अब हालात सहज हैं.


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