नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के स्थानीय निकायों के चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. ताजा मामले में गुपकार के बयानों को आड़े हाथों लेते हुए बीजेपी ने कांग्रेस समेत पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस पर जमकर निशाना साधा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि गुपकार डिक्लेरेशन का मुख्य मकसद जम्मू कश्मीर में 370 को फिर से लागू कराना है.


दरअसल, जम्मू कश्मीर में इस साल के अंत मे स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने अपने तरीके से जनता को आकर्षित करना चाहते हैं. यही कारण है कि महबूबा मुफ्ती, फारुख अब्दुल्ला ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का विरोध कर ऐसे लोगों की सहानुभूति लेने का प्रयास किया है जो लोग भले ही मुखरता के साथ 370 को हटाए जाने का विरोध न करते हों लेकिन अंदरखाने केंद्र सरकार के फैसले से इत्तेफाक नहीं रखते.


ठीक इसके उलट बीजेपी भी अपने राष्ट्रीय मूल्यों की लड़ाई को और धार देने में जुट गई है. बीजेपी अच्छी तरह से जानती है कि जम्मू कश्मीर में ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है जो राष्ट्रवादी सोच के साथ हैं. साथ ही अलगाववाद और आतंक का विरोध करते हैं.


ऐसे लोगों को ध्यान में रखकर बीजेपी जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव के जरिए अपनी जमीन और मजबूत करना चाहती है. यही कारण है कि सोमवार को सुबह बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने गुपकार समेत राहुल गांधी को घेरा और दोपहर बाद खुद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती चीन की मदद से दोबारा जम्मू- कश्मीर में 370 लागू कराना चाहते हैं. राहुल गांधी और सोनिया गांधी ये साफ करें कि वो 370 को हटाने के पक्ष में हैं या फिर उन लोगों के साथ जो 370 को फिर से जम्मू कश्मीर में लागू कराने की मुहिम चला रहे हैं.


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