Jammu and Kashmir: हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए व्यवसायियों के शवों की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन, परिवार ने बताया निर्दोष
Jammu and Kashmir: मारे गए व्यवसायी अल्ताफ अहमद और डेंटल सर्जन से व्यवसायी बने मुदासिर गुल (Mudasir Gul) के परिवारों ने सिटी सेंटर में विरोध प्रदर्शन किया और शव वापस करने की मांग की.
Jammu and Kashmir: सोमवार को श्रीनगर के हैदरपोरा (Hyderpora of Srinagar) में एक मुठभेड़ में मारे गए अल्ताफ अहमद (Altaf Ahmed) और मुदासिर गुल (Mudasir Gul) के परिवार के सदस्यों ने बुधवार को यहां प्रेस कॉलोनी में विरोध प्रदर्शन किया और मारे गए व्यक्तियों के शवों की मांग की. श्रीनगर के उपनगरीय इलाके में सोमवार को हुई मुठभेड़ में चार लोगों की मौत हो गई है. जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि मारे गए चार में से दो आतंकवादी थे. एक का नाम मुदस्सिर गुल बताया जा रहा है जो "आतंकवादी सहयोगी" था और दूसरा इमारत का मालिक था. हालांकि मृतकों के परिवारों ने पुलिस के दावों का विरोध करते हुए कहा कि वे "निर्दोष नागरिक थे" और आतंकवाद से उनका कोई लेना देना नहीं था.
वहीं मारे गए व्यवसायी अल्ताफ अहमद (Businessman Altaf Ahmed) और डेंटल सर्जन से व्यवसायी बने मुदासिर गुल (Mudasir Gul) के परिवारों ने सिटी सेंटर में विरोध प्रदर्शन किया और शव वापस करने की मांग की. गुल और भट को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा कब्रिस्तान में दफनाया गया था. यह कब्रिस्तान मुठभेड़ों में मारे गए आतंकवादियों के लिए आरक्षित है. अहमद के एक रिश्तेदार ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यहां हम शवों की वापसी और न्याय की मांग के लिए विरोध कर रहे हैं."
अंतिम संस्कार के लिए लौटाया जाना चाहिये था शव
उन्होंने कहा, “पुलिस ने स्वीकार किया है कि अल्ताफ एक नागरिक था, हमें आश्चर्य है कि उसका शव हमें अंतिम संस्कार के लिए क्यों नहीं लौटाया गया? अगर शव वापस नहीं दिया गया तो हम अपना विरोध जारी रखेंगे.' इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे लोगों ने नागरिकों की हत्याओं को समाप्त करने की भी मांग की. प्रदर्शन के दौरान मुदासिर गुल की पत्नी हुमैरा गुल भी धरना स्थल पर मौजूद थीं. उसने कहा कि उसका पति आतंकवादी नहीं था.
मेरा पति नहीं था आतंकवादी
हुमैरा कहती है, " मेरा पति आतंकवादी नहीं था लेकिन उन्होंने उसकी हत्या कर दी. हमें न्याय मिलनी चाहिये, उनकी दो साल की बेटी इनाया को न्याय मिलनी चाहिये." हुमैरा ने कहा, “मेरी बेटी अपने पिता के लिए रो रही है और मेरे पास उसके लिए कोई जवाब नहीं है. मैं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) से आग्रह करती हूं कि मेरी बेटी को उसके पिता को आखिरी बार देखने की अनुमति दें. ”
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