जम्मू कश्मीर में कोरोना के केस तेजी से बढ़ने का सिलसिला जारी है वहीं अभी भी प्रदेश में हालात बाकी राज्यों के मुकाबले में काबू में है. 21 अप्रैल को प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा एक दिन का उछाल दिखा जिसमें 2202 लोग संक्रमित पाए गए. वहीं इस दौरान एक दिन में 13 मौत भी कोरोना के कारण देखने को मिली.


सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार अकेले कश्मीर घाटी में मार्च महीने से अब तक कोरोना मामलों में 13 गुना इजाफा हुआ है. जिसमें श्रीनगर कोरोना "हॉटस्पॉट" बन कर उभरा है. कश्मीर घाटी में इस समय 7,895 कोरोना मामले एक्टिव हैं जब कि मार्च के अंत में यह आंकड़ा सिर्फ 814 था.


मार्च की शुरुआत से अबतक 15494 कोरोना के मामले दर्ज हुए है


कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर पी के पोले के अनुसार कश्मीर घाटी में मार्च की शुरुआत से अबतक 15494 कोरोना के मामले दर्ज हुए है जो चिंता की बात है. लेकिन अभी भी हालात बाकी प्रदेशों की तरह काबू के बहार नहीं हुए है.


प्रदेश में पिछले एक साल में कोरोना के कारण मरने वालो की संख्या 2078 हो चुकी है जिनमें से घाटी से 1303 लोग शामिल हैं. इस में भी श्रीनगर सब से प्रभावित जिला बन गया है और कुल मृत्यु में से 38 प्रतिशत अकेले श्रीनगर में हुई है.


श्रीनगर में 4,480 अभी भी एक्टिव मामले हैं


श्रीनगर में पिछले एक साल में कुल 35720 पॉजिटिव मामले सामने आये है और इन में से 4,480 अभी भी एक्टिव मामले हैं. अकेले श्रीनगर में इतने पॉजिटिव केस पूरी कश्मीर घाटी का 56 प्रतिशत बनता है. इसी कारन पूरे प्रदेश में श्रीनगर सब से प्रभावित जिल्ला बन गया है. जम्मू 3653 एक्टिव मामलों के साथ दुसरे नंबर पर है.


जम्मू कश्मीर में इस समय भी 14928 एक्टिव कोरोना केस है लेकिन अच्छी बात यह है कि कई इन में से केवल 877 लोग अस्पताल में भर्ती है. इन में से कश्मीर घाटी के दस जिलों में 510 और जम्मू के दस जिलों में 367 कोरोना मरीज़ शामिल हैं.


जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने कहा, सोमवार को जम्मू में जो आंकड़े जारी किये उन के अनुसार प्रदेश में कुल 2620 ऑक्सीजन/वेंटीलेटर वाले बेड है जिनमें से 1500 से ज्यादा अभी भी खाली हैं. जो किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए अभी के हालात में काफी हैं.


जम्मू में कोरोना मामलो में तेज़ी से बढ़ोतरी हो सकती है


लेकिन अब चिंता इस बात की है कि जम्मू में ट्रिपल और डबल म्युटेंट कोरोना के 27 मामलों की पुष्टि के बाद कोरोना मामलो में तेज़ी से बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे हालात से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियां ना-काफी दिख रही है.


हालांकि कश्मीर घाटी में अभी भी म्युटेंट कोरोना का कोई भी मामला रिकॉर्ड नहीं हुआ है लेकिन हवाई और सड़क रास्तों से लोगों के लगातार आगमन से बहुत दिनों तक घाटी बच नहीं सकती. ऐसे में सरकारी तंत्र की सुस्ती के चलते प्रदेश में 20 में 23 ऑक्सीजन प्लांट अभी भी नहीं बने है. जो आने वाले दिनों में कश्मीर घाटी को भी ऑक्सीजन संकट में डाल सकता है.