जम्मू-कश्मीरः चुनाव में वोट डाल रहे हैं पाकिस्तान से आए शरणार्थी, बोले- 70 साल बाद हुआ इंसाफ
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी, वाल्मिकी और गुरखा आदि समुदाय के लोग अब जम्मू कश्मीर में स्थानीय चुनाव में वोट डालने, जमीन खरीदने एवं नौकरियों के लिए आवेदन करने के पात्र हो गये हैं. वे चुनाव भी लड़ सकते हैं.
जम्मूः जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव एवं पंचायत उपचुनाव के लिए मतदान चल रहा है और इस दौरान मतदान केद्रों पर लोगों में भारी उत्साह है. अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी, वाल्मिकी और गुरखा आदि समुदाय के लोग अब जम्मू कश्मीर में स्थानीय चुनाव में वोट डालने, जमीन खरीदने एवं नौकरियों के लिए आवेदन करने के पात्र हो गये हैं. वे चुनाव भी लड़ सकते हैं.
पांच अगस्त 2019 को केंद्र ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और उसे जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. इसके बाद सरकार ने कई कानून लागू किए जिनमें जमीन और नागरिकता से जुड़े कानून भी शामिल हैं.
जम्मू के बाहरी इलाके के अखनूर प्रखंड के कोट घारी में एक मतदान केंद्र के बाहर कतार में खड़ी पश्चिम पाकिस्तान शरणार्थी समुदाय की युवती सुजाती भारती ने कहा, ‘‘ हमने समानता, न्याय एवं आजादी जैसे शब्द सुने हैं और आज हम इन शब्दों के असली मायने महसूस कर रहे हैं.’’ उसने विशेष दर्जा हटाने के केन्द्र के फैसले के लिए उसे धन्यवाद दिया और कहा कि उसके समुदाय के लोग 70 साल के बाद स्थानीय चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारती ने कहा कि वह स्थायी निवासी के रूप में कतार में मुक्त महसूस कर रही है. उसने कहा कि आखिरकार सात दशक के लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला.
डेढ़ लाख से अधिक शरणार्थी भी ले रहे हैं वोटिंग में हिस्सा संसदीय चुनाव छोड़कर ये शरणार्थी पिछले साल तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा, पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान से वंचित थे.अन्य मतदाता बिशन दास (67) ने कहा कि वह अतीत को नहीं याद करना चाहते हैं लेकिन उन्हें उज्ज्वल भविष्य की आस है जिसमें उनके पोते-पोतियां, नाती-नातिनें बाहर जाए बिना नौकरियां पा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ हम सशक्त हो गये. पहले कोई भी वोट मांगने के लिए हमारे यहां नहीं आया करता था. आज हर उम्मीदवार तीन बार दरवाजे पर आया.’’
विभाजन के बाद पाकिस्तान से आये पश्चिम पाकिस्तान के ज्यादातर शरणार्थी आरएस पुरा, अखनूर, सांबा, हीरानगर और जम्मू में बस गये. इस केंद्र शासित प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक शरणार्थी हैं.
पहले चरण में 43 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान आठ चरणों में हो रहे डीडीसी चुनाव के पहले चरण में 43 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा जिनमें 25 कश्मीर में और 18 जम्मू में हैं. सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ जो दो बजे समाप्त होगा. कुल 1,475 उम्मीदवारों मंत 296 पहले चरण में चुनाव मैदान में हैं।.उनमें 172 कश्मीर घाटी और 124 जम्मू क्षेत्र में हैं.
जम्मू कश्मीर में 12,153 पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों में भी चुनाव हो रहे हैं. उनमें 11,814 कश्मीर घाटी में और 339 जम्मू में हैं.पहले चरण में 1644 मतदान केंद्र बनाये गये हैं और सात लाख मतदाता हैं. उनमें कश्मीर में 3.72 लाख और जम्मू में 3.28 लाख मतदाता हैं.
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