Jammu-Kashmir: नौशेरा में एलओसी के पास घुसपैठिए को सुरक्षाबलों ने मारी गोली, पाकिस्तान के लिए करता था खुफिया काम
Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास सुरक्षाबलों ने एक घुसपैठिए को गोली मारी. कल दो हाइब्रिड आतंकी पकड़े गए थे, जिन्होंने 15 अगस्त को ग्रेनेड से हमला किया था.
Jammu and Kashmir: भारतीय सेना ने जम्मू के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक एजेंट को घुसपैठ करते हुए गिरफ्तार किया है. गौरतलब है कि भारतीय सेना की गोली लगते ही यह पाकिस्तानी एजेंट मदद के लिए चिल्लाने लगा और सीमा पार के लोगों से उससे भारत पाकिस्तान एलओसी से वापस ले जाने की गुहार लगाता रहा.
भारतीय सेना ने जम्मू के नौशेरा सेक्टर में तबारक हुसैन नाम के एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को गिरफ्तार किया है. तबारक हुसैन ने रविवार को जम्मू के नौशेरा सेक्टर के झांगर इलाके से भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की जहां तैनात भारतीय सेना के जवानों ने जैसे ही उसे एलओसी के पास आते देखा तो उसे चेतावनी दी. तबारक हुसैन ने जब भारतीय सेना की चेतावनी को अनदेखा किया तो भारतीय सेना के जवानों ने उस पर फायर किया जिसमें वह घायल हो गया.
भारतीय सीमा में घुसा था तबराक हुसैन
भारतीय सेना की गोली लगते ही घुसपैठिए तबराक हुसैन सीमा पर जोर जोर से चिल्लाने लगा और सीमा पार के लोगों से मदद मांगते हुए चिल्लाते हुए बोला कि मैं मरने के लिए आया था मुझे धोखा दे दिया गया है. इसके साथ ही उसने अपने लोगों से चिल्लाते हुए यह मदद भी मांगी कि भाईजान मुझे यहां से निकालो.
भारतीय सेना के मुताबिक तबारक हुसैन 25 अप्रैल 2016 को अपने एक और साथी के साथ नौशेरा सेक्टर से उस समय गिरफ्तार हुआ था जब वह अपने दो अन्य साथियों के साथ घुसपैठ की कोशिश कर रहा था. हालांकि घुसपैठ की इस कोशिश में उसका एक अन्य साथी वापस पाकिस्तान भागने में सफल हो गया.
तबारक हुसैन आईएसआई के साथ काम किया था
भारतीय सेना ने तबारक हुसैन को अपने एक साथी हारून अली के साथ उस समय गिरफ्तार किया था. सेना ने दावा किया है कि तबारक हुसैन ने पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के साथ करीब 2 साल काम किया. तबारक हुसैन को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने दुश्मन की जानकारी कथा करने और पकड़े जाने पर कवर स्टोरी सुनाने के लिए ट्रेन किया था. इसके साथ ही तबारक हुसैन ने बतौर गाइड की 6 हफ्ते की ट्रेनिंग भी ली थी.
एक बार पहले भी हुआ था गिरफ्तार
भारतीय सेना की माने तो 25 अप्रैल 2016 को तबारक हुसैन और हारून अली को पाकिस्तानी सेना ने तीन अन्य आतंकियों मोहम्मद काफिल, मोहम्मद अली और यासीन के साथ सबजकोट से भारतीय सीमा की तरफ भेजा था ताकि वह भारतीय सेना की फॉरवर्ड पोस्ट पर आईडी लगा सके. तब भारतीय सेना ने तबारक और हारुन को गिरफ्तार किया था और 26 महीने की सजा के बाद दोनों को वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान के हवाले किया गया था.
गोली लगते ही चिल्लाने लगा था घुसपैठिया
16 दिसंबर 2019 को तबारक के छोटे भाई को भी भारतीय सेना ने नौशेरा सेक्टर से ही गिरफ्तार किया था. भारतीय सेना ने दावा किया है कि आज सुबह जैसे ही भारतीय सेना की गोली से तबारक हुसैन घायल हुआ तो वह अपने लोगों से मदद की गुहार लगाते हुए चिल्ला रहा था कि वह मरने के लिए आया है और उसे धोखा दिया गया है और साथ ही भारतीय सेना ने उसे यह भी चिल्लाते हुए सुना कि भाई जान मुझे यहां से निकालो। पकड़े गए आतंकी तबारक हुसैन के शरीर के सारे बाल सव किए गए थे. जिससे यह लगता है कि वह किसी फिदायीन हमले की फिराक में आया था।
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