जम्मू कश्मीर: अलगाव वादी नेता रहे सैयद अली गिलानी के घर से हटाई गई सुरक्षा, पुलिस ने दिया ये बड़ा कारण
1990 में पहली बार गिलानी के घर के बाहर सुरक्षा घेराबंदी की गई थी. हालांकि सैयद अली गिलानी कभी भी राज्य के संरक्षण में नहीं थे और उन्होंने व्यक्तिगत सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया था.
कश्मीर में अलगाव वादी नेता सैयद अली गिलानी की मौत के छह महीने बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिलानी के घर से सुरक्षा हटा ली है. सुरक्षा हटाते हुये सुरक्षाकर्मीयों को वापस उन्हें अपने आलाधिकारियों को रिपोर्ट करने के आदेश दिया गया है. कल देर रात गिलानी के घर से सभी सुरक्षाकर्मियों को वहां से हटा लिया गया.
यह पहली बार है जब 1990 के बाद गिलानी का घर अब बिना सुरक्षा कवर के रहेगा. 1990 में पहली बार गिलानी के घर के बाहर सुरक्षा घेराबंदी की गई थी. हालांकि सैयद अली गिलानी कभी भी राज्य के संरक्षण में नहीं थे और उन्होंने व्यक्तिगत सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया था.
एक दशक तक रखे गये थे नजरबंद
हालांकि उस समय तात्कालिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये उनके घर को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लगभग एक दशक तक नजरबंद रखा गया था और नजरबंदी को लागू करने के लिए सुरक्षा को स्थायी रूप से वहां तैनात किया गया था.
सैयद अली गिलानी का पिछले साल 1 सितंबर को उनके हैदरपोरा स्थित आवास पर निधन हो गया था और सैयद अली गिलानी के बाद सुरक्षाकर्मी उनके घर के बाहर और सड़क पर मौजूद रहते थे. हालांकि उनके निधन के बाद केवल परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को ही उनके घर में प्रवेश करने की इजाजत थी लेकिन सुरक्षा पूरी तरह से हटा दिए जाने के बाद उनका घर किसी भी व्यक्ति के लिये खुला रहेगा.
गिलानी की कब्र पर सुरक्षाकर्मी दे रहे हैं पहरा
अधिकारियों ने कहा कि हालांकि दिवंगत सैयद अली गिलानी की कब्र पर अभी भी सुरक्षाकर्मी पहरा दे रहे हैं, क्योंकि इस बात की संभावना है कि निहित राष्ट्र विरोधी तत्व इसका इस्तेमाल रैली स्थल के रूप में कर सकते हैं.
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