JKLF and Hurriyat: जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और हुर्रियत जैसे प्रतिबंधित संगठनों को फिर से जिंदा करने की साजिश करने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. मंगलवार (11 जुलाई) को इस सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. तीन दिनों में कुल 55 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिसमें कई अलगाववादी नेता और आतंकी शामिल हैं. रविवार को भी प्रतिबंधित संगठनों को फिर से एक्टिव करने के मकसद से एक होटल में अलगाववादी नेताओं की मीटिंग हुई थी. मीटिंग में शामिल 45 लोगों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है.
पाक आकाओं के इशारे पर काम कर रहे नेता
पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि ये लोग पाकिस्तानी आकाओं के इशारों पर यह काम कर कर रहे हैं. इनमें कई लोग ऐसे हैं जो पहले राज्य में अलगाववादी प्रोपेगेंडा फैलाने में शामिल रहे चुके हैं. इनके जेकेएलएफ के फारुक सिद्दीकी और राजा मुजाफिर के साथ भी संपर्क रहे हैं, जिन्होंने अलगाववाद फैलाने के मकसद से जम्मू और कश्मीर में प्रोपेगेंडा चलाया था.
विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने आईपीसी के अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट एंड सेक्शन की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. कोर्ट ने सेक्शन की 10 और 13 धारा के तहत मामला दर्ज करते हुए सभी को हिरासत में ले लिया है.
पिछले महीने भी हुई थी बैठक
पुलिस ने बताया कि बीते रविवार को हुई इस बैठक का असली मकसद अलगाववाद और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोपों के चलते बैन किए गए समूहों को फिर से एक्टिव करने के लिए रणनीति बनाना था. ऐसी ही एक बैठक पिछले महीने 13 जून को भी हुई थी, जिसमें गिरफ्तार किए गए लोग भी शामिल हुए थे.
गिरफ्तार लोगों में ये हैं शामिल
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान मोहम्मद यासीन भट्ट, मोहम्मद रफीक पहलू, शम्स यू जदिन, जहांगीर अहमद भट्ट, खुर्शीद अहमद भट्ट, शबीर अहमद दार, सज्जाद हुसैन गुल, फिरदौस अहमद शाह, हसन फिरदौस, सोहेल अहमद मीर के रूप में हुई है.
हुर्रियत ने बनाई दूरी
उधर, हुर्रियत ने एक बयान जारी कर इस बैठक से खुद को दूर कर लिया है. उसने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसका इस मीटिंग से कोई संबंध नहीं है. यह एक लंच मीटिंग थी और इसमें शामिल होने वाले लोगों की यह एक निजी मीटिंग थी. संगठन ने यह भी कहा कि मीटिंग में शामिल होने वाले उसके कोई प्रतिनिधि नहीं हैं.
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