जम्मू कश्मीर में महिलाओं के कथित अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. इस मामले को लेकर कई प्रदर्शन किए जा रहे है. हालांकि, उन महिलाओं में से एक ने टीवी पर आकर अपना बयान दर्ज कराया है. महिला ने कहा है कि उन्होंने बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है.
महिला ने अपने बयान में कहा है कि इस पूरे मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है, जबकि सच्चाई इससे अलग है. उन्होंने कहा है कि वो अभी 29 साल की हैं और उन्होंने साल 2012 में ही अपना धर्म परिवर्तन करा लिया था. उन्होंने अपने बयान में कहा, "मैंने अपने एक बैचमेट से अपनी मर्जी से शादी की थी. मेरे ऊपर किसी ने दबाव नहीं डाला था. इस पूरे मामले में धर्म और अल्पसंख्यकों को बीच में नहीं लाना चाहिए." महिला ने कहा कि वे अपने अधिकार जानती हैं और उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है.
बेवजह विवाद ना खड़ा करें- महिला
महिला ने कहा कि 9 साल बाद बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "मेरे ऊपर फिर से धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा है. मैं अब बालिग हूं और अपनी मर्जी से फैसले ले सकती हूं. कृपया इसे धर्म रंग देने की कोशिश ना करें." उन्होंने आगे कहा, "मेरे सारे डॉक्युमेंट्स लीगल हैं और मैं कानून के जरिए ही अपना अधिकार पाने की कोशिश कर रही हूं."
मनजिंदर सिंह सिरसा ने एलजी से की थी मुलाकात
इससे पहले अकाली दल नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस मामले में जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात कर शिकायत की थी. मुलाकात के बाद सिख नेताओं ने कहा कि प्रशासन की तरफ से भरोसा दिया गया है कि जिन लड़कियों का धर्मांतरण करवाया गया है, उन्हें परिवारों को वापस लौटाया जाएगा.
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