जम्मूः कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से आतंकियों के निशाने पर रहे सेब के व्यापारियों ने आतंक को ठेंगा दिखते हुए अब तक सेब के 11000 ट्रक कश्मीर से बाहर भेजे हैं. आलम यह है कि देश विदेशों में कश्मीरी सेब की मांग को देखते हुए दूसरे राज्यों के व्यापारी अब जम्मू आकर सेब ले रहे हैं. जम्मू की फ्रूट मंडी में इस समय कश्मीर से आए सेब की भरमार है. आप की नज़र किसी भी मंडी में जिस तरफ जाएगी तो आप को कश्मीर से आये सेब और उन सेबों को ट्रकों से उतारते मज़दूर दिखेंगे.


दरअसल, कश्मीर में इस साल सेब की बम्पर फसल हुई है, लेकिन 5 अगस्त को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से सेब के व्यापारी आतंकियों के निशाने पर रहे हैं. कश्मीर के इन व्यापारियों ने आतंकियों की इन धमकियों को दरकिनार कर देश विदेश में कश्मीरी सेब का स्वाद पहुंचाने की ठान ली है.



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जम्मू में सेब के कारोबार से जुड़े व्यापारी राजकुमार गुप्ता की मानें तो अनुच्छेद 370 हटा कर केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में एक नई शुरुआत की है, और जब भी कोई नयी चीज़ लागू होती है कुछ दिक्कतें ज़रूर आती हैं. राजकुमार मानते हैं कि कश्मीर में इस साल सेब की बम्पर फसल हुई है और कोई भी व्यापारी अपनी फसल ख़राब नहीं करता. उनका दावा है कि कश्मीर में कोई भी सेब का व्यापारी हड़ताल नहीं चाहता और वो अपनी फसल बेचना चाहता है.


आंकड़ों की बात करें तो 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से अब तक 11000 सेब के ट्रक राज्य से बाहर जा चुके हैं. वहीं अनुच्छेद 370 हटने वाले दिन यानि 5 अगस्त को सेब के 75 ट्रक कश्मीर से रवाना हुए थे. 22 सितम्बर को सब से अधिक 708 ट्रक राज्य से बाहर गए जबकि 13 अगस्त को कोई भी सेब का ट्रक घाटी से रवाना नहीं हुआ.



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वहीं, अगस्त के महीने में कश्मीर से सेब के 3660 ट्रक जबकि सितम्बर में सेब से भरे 6506 ट्रक राज्य से दूसरे राज्यों के लिए रवाना हुए थे. कश्मीर में सालाना 22 मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है और यह कारोबार करीब 10,000 करोड़ का है. इस व्यापार पर कश्मीर के करीब 7 लाख परिवार आश्रित हैं.


जम्मू में सेब के व्यापार से जुड़े लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि हालांकि इस साल पिछले सालों के मुक़ाबले 20 से 30 प्रतिशत व्यापार कम हुआ है, लेकिन इसके बावजूद आतंकियों को सेब के व्यापारियों और आम कश्मीरियों ने ठेंगा दिखाया है. उनका दावा है कि कश्मीर के व्यापारी सेब के बागानों को अपने बच्चों की तरह पालते हैं और कोई यह फसल बर्बाद नहीं करता.


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उधर, देश के अलग अलग राज्यों से अब सेब के व्यापारी कश्मीर के बदले जम्मू का रुख कर के सेब खरीद रहे हैं. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से आये सेब व्यापारी इरफ़ान अली के मुताबिक कश्मीर के सेब की मांग सब से अधिक है. "मांग अधिक होने और त्योहारों के मौसम के चलते सेब की एक पेटी 100 से 150 रुपये महंगी जा रही है, लेकिन इसके बावजूद मांग में कोई कमी नहीं है".


सेब व्यापारियों का दावा है कि पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के बाद अब कश्मीर के सेब का रंग और खिलेगा और आने वाले दिनों ने कश्मीर के सेब का कारोबार और बढ़ेगा.


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