जम्मू: अमरनाथ यात्रा के दौरान और बरसात शुरू होने से पहले जम्मू में पाकिस्तान से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर इन दिनों बीएसएफ 'ऑपरेशन सुदर्शन' चला रही है. ऑपरेशन के तहत आतंकवादियों की घुसपैठ, सुरंगे बनाने और अकारण गोलीबारी का जवाब देने के मद्देनजर भारतीय रक्षा स्थिति और ठिकाने को मजबूत किया जा रहा है. जम्मू में इन दिनों अमरनाथ यात्रा का खुमार है और वहीं बरसात ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है.
जम्मू में पाकिस्तान से सटी 200 किलोमीटर से अधिक की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पिछले कुछ दिनों से शांति है, लेकिन दुश्मन देश कब तक इस शांति पर कायम रहता है इसका जवाब किसी के पास नहीं है. वैसे भी अमरनाथ यात्रा में बरसात के दौरान खलल डालने की पाकिस्तान की मंशा का पहले ही खुलासा हो चुका है और ऐसे में पाकिस्तान के नापाक मंसूबो का जवाब देने के लिए सीमा पर इन दिनों 'ऑपरेशन सुदर्शन' चलाया जा रहा है.
ऑपरेशन का नाम सुदर्शन चक्र के नाम पर रखा गया है
इस ऑपरेशन के तहत हाथों में आधुनिक हथियार लिए बीएसएफ के जवान बारिश के बावजूद सीमा का चप्पा चप्पा खंगाल रहे हैं. ऑपरेशन का नाम भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र के नाम पर रखा गया है. इस ऑपरेशन का मक़सद भारत से सटी पाकिस्तानी सीमा का चप्पा चप्पा खंगालना और अपने क्षेत्र में अपना प्रभुत्व दिखाना यानि एरिया डोमिनान्स करना है.
'ऑपरेशन सुदर्शन' का मक़सद सुरंगो का पता लगाना भी है
इस काम के लिए बीएसएफ के सैकडों जवान सीमा से सटे सारे इलाके में यह ऑपरेशन चला रहे हैं जिसमें यह जवान सेना के 'कॉम्बिंग ऑपरेशन' की तर्ज़ पर इलाके में चप्पा चप्पा अपनी नज़र से और उपकरणों से खंगलाते हैं. 'ऑपरेशन सुदर्शन' का दूसरा बड़ा मक़सद पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ के लिए खोदी गयी सुरंगो का पता लगाना भी है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में बीएसएफ ने घुसपैठ के लिए कई ऐसी सुरंगो का पता लगाया है. इसके साथ ही बीएसएफ इस ऑपरेशन के तहत सीमा पर उग रहे जंगली घास जिसे सरकंडा कहा जाता है को भी साफ़ कर रही है. दरअसल, बरसात के मौसम में उगने वाला जंगली घास सरकंडा बढ़कर करीब 7 फ़ीट तक होता है जिसकी आड़ में छिपकर आतंकी घुसपैठ को आराम से आजम देते हैं. इसके लिए बीएसएफ मेटल डिटेक्टर और बख्तरबंद ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर सुरंगो का पता लगा रही है.
वहीं, इस सब के बीच बीएसएफ सीमा पर भी तगड़ी निगरानी बनाये हुए है. इसके तहत सीमा पर गश्त के अलावा बुलेटप्रूफ बंकरों और बुलेट प्रूफ जिप्सी के साथ भी निगरानी बनाई जा रही है.
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