जम्मू: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत चीन के बीच जो भी विवाद पैदा हुआ है. उसका समाधान सैन्य और डिप्लोमेटिक स्तर पर निकालने की कोशिशें जारी है. उन्होंने दावा किया कि प्रदेश से धारा हटने के बाद से अब कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे नहीं बल्कि तिरंगा लहराता है.
जम्मू में कार्यकर्ताओ को वर्चुअल रैली से सम्बोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-चीन के बीच जो भी विवाद पैदा हुआ है. इस समय सैन्य लेवल पर बात चल जारी है. उन्होंने कहा कि चीन ने भी ये इच्छा व्यक्त की है कि बात-चीत के द्वारा इसका समाधान निकाला जाना चाहिए. हमरी कोशिश भी यही है कि सैन्य और डिप्लोमेटिक स्तर पर बात-चीत के द्वारा इसका समाधान निकाला जाए.
जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले कश्मीर में "आज़ादी की मांग" उठती थी और इसके समर्थक वहां पाकिस्तान और आईएसआईएस के झंडे लहराते थे लेकिन, अब कश्मीर घाटी में भी तिरंगा झंडा लहराता है.
पाकिस्तान पर तंज़ कसते हुए राजनाथ सिंह ने कहा की अब भारत और पाकिस्तान के बीच मौसम बदल चुका है. अब भारत के चैनल मुज़फ़्फ़राबाद और गिलगित का दर्जे हरारत (तापमान) बता रहे हैं. यह दर्जे हरारत बताने के कारण अब इस्लामाबाद में भी कुछ दर्जे हरारत महसूस होने लगी है, इसीलिए वो कुछ अधिक शरारत करने पर भी आमादा है.
राजनाथ सिंह ने साथ ही दावा किया कि जल्द ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग भी यह मांग करेंगे कि वो भारत के साथ रहना चाहते हैं, ना कि पाकिस्तान के साथ हैं. इस रैली में उन्होंने सोमवार को कश्मीर घाटी के अनंतनाग में आतंकियों के हाथों मारे गए कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता और 1947 में कश्मीर घाटी में तिरंगा फहराने वाले बारामुल्ला के मोहम्मद मकबूल शेरवानी को भी श्रद्धांजलि दी.
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