Jammu Kashmir: घाटी में जम गया सब...हर जगह बर्फ ही बर्फ, द्रास में पारा हुआ माइनस 25 डिग्री सेल्सियस
कश्मीर घाटी और लद्दाख में चिल्लई कलां की शुरुआत हो गई है. इस समय घाटी में सब कुछ जम जा रहा है. कारगिल में न्यूनतम पारा माइनस 15 तक आ गया है.
Jammu Kashmir News: उत्तरी भारत का लद्दाख क्षेत्र इस समय सर्दी के सबसे कठिन दिनों से जूझ रहा है. कश्मीर में 21 दिसंबर से सर्दी के सबसे कठिन चालीस दिन चिल्लई कलां शुरू हो गया है. इसके शुरू होने के साथ ही हड्डीयों को जमा देने वाली कड़ाके की ठंड भी आ गई है. कारगिल में न्यूनतम पारा माइनस 15 तक आ गया है. वहीं दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह द्रास में पारा माइनस 25 को छू चुका है, जिसके चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
हर तरफ बर्फ की सफेद चादर में लिपटे इलाके में ठंड ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है. सड़कें, मकान, पहाड़ हर तरफ बर्फ ही बर्फ है. इस सब के बीच लोगों को ठंड ने परेशान किया है. ठंड का आलम यह है कि सब कुछ जम गया है. नल और हैंडपंप से आग जलाकर पानी निकलना पड़ता है तो टंकी को गरम कपडे पहना कर भी रखने पर उसके अंदर बर्फ ही बर्फ है.
पीने के पानी से लेकर खाने पीने का सामान सब्जियां, खाने का तेल, बोतल में रखा जूस और पीने का पानी बर्फ बन चूका है. इसके अलावा, खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले गैस के सिलेंडर को भी गरम पानी डाल कर इस्तेमाल करने के योग्य बनाना पड़ रहा है. नल पूरी तरह जम गए हैं. ठंड के चलते बिजली पानी की समस्या ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है
द्रास में पारा माइनस 25 तक गया है पहुंच
ठंड कितनी ज्यादा है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कारगिल और द्रास के होटल में खाना खाने वालों के लिए खाना कई बार गरम करना पड़ता है. वह भी तब जब वह खाना खा रहे हों. इससे भी ज्यादा बुरे हाल सड़क पर चलने वाली गाड़ियों का हो गया है, खासतोर पर डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए सर्दी अलग ही परेशानी बन गई है. पेट्रोल के विपरीत डीजल सर्दियों में जम जाता है और इस बार जब द्रास में पारा माइनस 25 तक पहुंच गया है तो गाड़ी के टैंक में ही डीजल जम जा रहा है, इसीलिए द्रास और कारगिल में डीजल गाड़ियों को स्टार्ट करने से पहले टैंक के नीचे स्टीव जलाया जा रहा है, ताकि डीजल को पिघलाया जा सके.
चिल्लई कलां की चपेट में है कश्मीर
21 दिसंबर से कश्मीर घाटी और लद्दाख में ठंड के सबसे खतरनाक चालीस दिन शुरू हो गए हैं. चिल्लई कलां के नाम से यह चालीस दिन सर्दी के सबसे कठिन दिन होते हैं. इस समय कश्मीर में पारा माइनस 7 तक पहुंच जाता है तो वहीं कारगिल और द्रास में पारा माइनस 30 तक नीचे चला जाता है. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के चलते तापमान में और ज्यादा गिरावट आ गई है. पिछले 48 घंटो में बर्फबारी के कारण ठंड और बढ़ गई है. लद्दाख के बच्चों के लिए यह मौसम आइस स्कीइंग और आइस हॉकी के लिए सबसे अच्छा समय हो जाता है. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिन में कश्मीर घाटी और लद्दाख में मौसम शुष्क रहेगा.