Jammu And Kashmir News: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों में आत्मनिर्भर पुलिस स्टेशनों को अपग्रेड करना शुरू किया है, जिससे अन्य अर्धसैनिक बलों और सेना पर उनकी निर्भरता कम हो जाएगी. ऑपरेशन कैपेसिटी बिल्डिंग (ओसीबी) प्रोजेक्ट के तहत शुरुआत में 21 पुलिस स्टेशनों को अपग्रेड किया गया था. अब 22 और पुलिस स्टेशनों को पूरी तरह आतंकवाद विरोधी यूनिट बनाने के लिए तैयार किया गया है.



जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने पुलिस के 307 विशेष कमांडो की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी. यह समारोह पुलवामा जिले के पंपोर में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर (सीटीसी) लेथपोरा में किया गया.

 

22 पुलिस स्टेशनों को किया जाएगा अपग्रेड

 

पिछले साल 10 जिलों के 43 पुलिस स्टेशनों को आधुनिक हथियार और आतंकवाद विरोधी टीमों से लैस करने के लिए ऑपरेशन कैपेसिटी बिल्डिंग शुरू की गई थी. पहले चरण में, 21 पुलिस स्टेशनों को विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो और अपग्रेडेड हथियार से लैस किया गया था. बाकी बचे 22 पुलिस स्टेशनों के लिए ओसीबी टीमें लॉन्च की गई हैं.

 

36 पुलिस स्टेशनों का आतंक मुक्त रिकॉर्ड

 

डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, "नए सुरक्षा बलों के कारण घाटी में आतंकी घटनाओं में भारी गिरावट आई है. अनंतनाग जिले में तीन आतंकी घटनाएं हुईं, जबकि 36 पुलिस स्टेशनों ने पिछले एक साल के दौरान सौ फीसदी आतंक मुक्त रिकॉर्ड बनाया."

 

डीजीपी ने कहा, “ओपी क्षमता निर्माण के तहत आने वाले पुलिस स्टेशनों में आतंकवादी घटनाओं से निपटने के लिए ड्रोन की उपलब्धता, आधुनिक हथियार और प्रत्येक में 14 सदस्यीय दस्ता होगा. इन नई टीमों की मदद से क्षेत्र का वर्चस्व और मजबूत होगा."

 

आतंकवाद का ग्राफ हो रहा कम

 

पांच साल का रिपोर्ट-कार्ड पेश करते हुए डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, "घाटी में कॉलेटरल डैमेज, कानून व्यवस्था की घटनाएं और नागरिक हताहत की एक भी घटना नहीं हुई. आतंकवाद का ग्राफ जिसने जम्मू-कश्मीर को बदनाम किया वह भी शून्य पर आ रहा है."

 

उन्होंने कहा, "हमारा बॉर्डर ग्रिड बहुत मजबूत है और हम सुनिश्चित करेंगे कि एलओसी पर सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया जाए. पुलिस ने जो भी उपलब्धियां हासिल की हैं, वह जनता के सहयोग के बिना असंभव थी.