Pakistani Terrorist Killed in J&K:  देश में आर्थिक संकटों के बावजूद पाकिस्तानी सेना आतंकवादी ढांचे का पूरा समर्थन कर रही है. इसके पीछे कारण ये है कि इस साल जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना और सुरक्षाबलों की ओर से मारे गए 60 फीसदी आतंकवादी पाकिस्तानी थे.


एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी समूहों में आतंकवादियों की स्थानीय भर्ती बहुत कम हुई है. इस साल केवल चार स्थानीय लोग ही इन समूहों में शामिल हुए हैं.


75 आतंकवादियों को उतारा मौत के घाट


सेना अधिकारी ने बताया कि विभिन्न मुठभेड़ों और अभियानों में सुरक्षा बल, जम्मू क्षेत्र और कश्मीर घाटी सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 75 आतंकवादियों को खत्म करने में सक्षम रहे हैं. साथ ही नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों की ओर से घुसपैठ के प्रयासों के दौरान होने वाली गोलीबारी में भी सेना ने आतंकियों को दबोचा है. पाकिस्तान, जो दुनियाभर में खास तौर से भारत में आतंकवादियों को निर्यात करने के सबसे बड़े केंद्रों में से एक के रूप में देखा जाता है.


 पाकिस्तानी आतंकवादियों की गतिविधियों पर लगाया जा रहा अंकुश 


इस्लामाबाद ने पिछले साल से जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश की है, लेकिन राजौरी, पुंछ, डोडा, किश्तवाड़, कठुआ और रियासी जिलों सहित जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा रहा है. इसके लिए अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की जा रही है और चीन सीमा पर तैनाती के लिए राष्ट्रीय राइफल्स के यूनिफॉर्म फोर्स को वहां से वापस बुलाए जाने के बाद पैदा हुए खालीपन को भरा जा रहा है. 


किस पर ध्यान केंद्रित कर रहे सुरक्षा बल


सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचेंद्र कुमार बल की व्हाइट नाइट कोरप्स की ओर से देखे जाने वाले क्षेत्र से आतंकवादियों को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.


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