Jammu-Kashmir Administration Clarification: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को 25 लाख नए मतदाता (अतिरिक्त मतदाता) जोड़ने की खबरों का खंडन किया है. प्रशासन का कहना है कि 18 वर्ष से ऊपर नए मतदाता जोड़े जा रहे हैं. अतिरिक्त मतदाता जोड़ने वाली खबरों में कुछ स्वार्थों के चलते तथ्यों को गलत ढंग से पेश किया गया है. इस संबंध में सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय ने स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में एक विज्ञानपन भी प्रकाशित कराया है. जिसमें मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण की बात कही गई है. प्रशासन ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग समय-समय पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण करता है. मतदाता सूची में संशोधन से जम्मू कश्मीर के मौजूदा निवासियों को ही शामिल किया जाएगा.’
प्रकरण के अनुसार जम्मू कश्मीर में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की 'जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची के अंदर बाहरी लोगों सहित 25 लाख अतिरिक्त मतदाताओं के जोड़े जाने की संभावना' वाली टिप्पणी पर विवाद हो गया था. इस पर स्थानीय राजनीतिक दल और राजनेताओं ने कड़ी आलोचना की. स्थानीय लोगों ने विरोध भी प्रकट किया. इस मुद्दे पर शनिवार को प्रशासन ने अपना स्पष्टीकरण दिया है. राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया था कि गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता सूची में शामिल करना जम्मू और कश्मीर के स्थानीय लोगों को बेदखल करने की यह एक चाल है. इसके बाद शनिवार को अखबार में विज्ञापन प्रकाशित हुआ. विज्ञापन के मुताबिक जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण का उद्देश्य पात्र युवाओं को मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण कराने में सक्षम बनाना है.
2011 के बाद अब मतदाता सूची में बढ़ चुके हैं दस लाख मतदाता
सूचना विभाग स्पष्ट किया कि 2011 में जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष सारांश संशोधन में प्रकाशित मतदाताओं की संख्या 66,00,921 थी. अब मतदाता सूची में यह संख्या 76,02,397 हो गई है. मतदाताओं के बढ़े हुए आंकड़े का कारण नए मतदाताओं को शामिल करना है. जो अब 18 वर्ष के हो चुके हैं. विज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि कश्मीरी प्रवासियों के लिए उनके मूल निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में नामांकन के लिए विशेष प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
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