Jammu Kashmir Property Tax: जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी टैक्स लगाने की बढ़ती आलोचना के बीच केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने प्रस्तावित कर पर आम जनता से फीडबैक मांगा है. स्थानीय लोगों के बाद अब राजनीतिक दलों, व्यापारी निकायों और संगठनों ने इसे "एकतरफा" बताते हुए इस कदम का विरोध करने की योजना की घोषणा की थी. अब जारी एक नोटिस में, आवास और शहरी विकास ने जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर लगाने पर आम जनता से सुझाव/टिप्पणियां मांगी हैं.


नोटिस में कहा गया कि इस संबंध में किसी भी सुझाव/टिप्पणी का स्वागत है और 10 दिनों के भीतर आवास और शहरी विकास विभाग को ईमेल पते- Housingudd9@gmail.com पर भेजा जा सकता है. नोटिस में आगे कहा गया है कि 21 फरवरी को H&UDD की ओर से जारी दो अधिसूचनाओं के अनुसार 1 अप्रैल, 2023 से यूटी जम्मू और कश्मीर नगरपालिका क्षेत्रों के भीतर आवासीय घरों/अपार्टमेंट, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर संपत्ति कर लगा रहा है. 


पिछले महीने जारी की थी अधिसूचनाएं 


21 फरवरी, 2023 को जम्मू-कश्मीर के आवास और शहरी विकास विभाग ने जम्मू-कश्मीर के शहरी क्षेत्रों में संपत्ति कर लगाने, मूल्यांकन और संग्रह करने के लिए दो अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की थी. जहां 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश की 27% आबादी रहती है.


क्या कहते हैं नियम?


जम्मू और कश्मीर संपत्ति कर (नगर निगम) नियम, 2023 और जम्मू और कश्मीर (अन्य नगरपालिका) नियम, 2023, सरकार द्वारा अधिसूचित, नगर निगमों, समितियों और परिषदों की सीमा के भीतर संपत्ति कर के संग्रह की प्रक्रिया को परिभाषित करते हैं. इन नियमों के अनुसार, संपत्ति कर आवासीय संपत्तियों पर कर योग्य वार्षिक मूल्य (TAV) का 5% और व्यावसायिक संपत्तियों पर कर योग्य वार्षिक मूल्य का 6% होना चाहिए.


सभी राजनीतिक दलों ने की आलोचना


नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, पीपल्स कांफ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित राजनीतिक दलों ने इस कदम का विरोध करते हुए नियमों की व्यापक आलोचना की. यहां तक कि प्रदेश बीजेपी ने भी इस कदम से खुद को दूर कर लिया है. 


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