जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले से देश के सामने आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक नई चुनौती पेश हुई है. क्योंकि ड्रोन के जरिए इस तरह का हमला पहला है और अप्रत्याशित है. आने वाले वक्त के लिहाज से सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं. इन चुनौतियों का दायरा कितना बड़ा है यही आज हम आपको राज की बात में बताने जा रहे हैं.


राज की बात ये है कि ड्रोन के जरिए हमलों से चिंताओं का दायरा कई मोर्चों पर खड़ा हो गया है. कई मोर्चों पर चुनौती हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भारत को जिस तरह के पड़ोसी मिले हैं उनकी नीति और नीयत से हर कोई वाकिफ है. पाकिस्तान के पैतरों के साथ चीन भी चालबाजियो में लगा रहता है और आजकल नेपाल की नीति भी बहक रही है.


जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र बहाली की कोशिशों के शुरु होते ही जिस तरह से जम्मू एयरबेस को निशाना बनाया गया उससे ये भी आशंका उठ खड़ी हुई है कि कहीं ये हमला किसी बड़ी साजिश से ध्यान भटकाने के लिए तो नहीं था. राज की बात में हम उन्हीं आशंकाओं से आपको वाकिफ कराने जा रहे हैं जो जम्मू एयरबेस अटैक के बाद उठ खड़ी हुई हैं.


जिस पाकिस्तान के पास खाने को दाने न हों वो तकनीक से तांडव कैसे मचा रहा है ये किसी छिपा नहीं. पाकिस्तान और चीन की गलबहियां भारत के खिलाफ कैसे है ये भी दुनिया जानती है लिहाजा चिंता इस बात को लेकर बढ़ गई है कि जिस थ्री फ्रंट वार की बात कही जाती है कही उसकी मॉकड्रिल तो नही था एयरबेस पर अटैक.


दरअसल, देश कोरोना की विभीषिका से झेल रहा है और इसके साइडइफेक्ट से आर्थिक फ्रंट पर चुनौतियां बढ़ गई हैं. इसी दौर में चीन ने गलवान में अपनी बदनीयती दिखाई थी लेकिन भारतीय सेना ने धूल चटाकर घर अक्ल ठिकाने लगा दी. लेकिन राज की बात ये है कि अब जम्मू अटैक के बाद चिंताएं कश्मीर और पूर्वोत्तर को लेकर भी बढ़ गई हैं.


चीन लंबे समय से चिकेन नेक को काटने की कोशिशों में लगा हुआ है. चिकेन नेक वो जगह है जहां से भारत का पूर्वोत्तर से संपर्क जुडता है. चिकेन नेक के साथ ही साथ चीन की बदनीयती  अरुणांचल पर जाहिर होती रहती है. ऐसे में चिंता इस बात की बढ़ गई है कि आने वाले वक्त में इन इलाकों में किसी बड़ी साजिश की कोशिश तो नहीं हो रही.


राज की बात ये हि कि इन आशंकाओं को लेकर सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट पर हैं और किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयारियों को पुख्ता किया जा रहा है. क्यंकि भरोसे के लायक न तो पाकिस्तान है और न ही चीन. ऐसे में कई फ्रंट पर साजिशों का तूफान अगर चलता भी है तो उससे निपटने और माकूल जवाब देने के लिए भारत भी तैयार है.