पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह लगातार जम्मू कश्मीर को आतंक के दौर में धकेलने की कोशिश में जुटा है. इसी साजिश के तहत आतंकियों ने जम्मू कश्मीर में पिछले 5 दिनों में तीन वारदातों को अंजाम दिया है. पुंछ से बारामूला तक आतंकी वारदातें हुईं. पहले 21 दिसंबर को पुंछ में आतंकियों ने घात लगाकर सेना के दो वाहनों पर हमला किया. इसमें चार जवान शहीद हुए. इसके बाद शनिवार को जम्मू के अखनूर में चार आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की. हालांकि, भारी हथियारों से लैस इन आतंकियों की कोशिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया. इस दौरान एक आतंकी भी मारा गया. वहीं, 24 दिसंबर को आतंकियों ने बारामूला में पूर्व पुलिस अधिकारी को निशाना बनाया. आतंकियों ने अजान देते वक्त पूर्व एसएसपी मोहम्मद शफी मीर को गोली मार दी. इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में सुरक्षा बलों को सीमा पार से ड्रोन के जरिए भेजे गए हथियार मिले हैं, जो बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं.


5 दिन में तीन वारदातें, क्या घाटी में दहशत मचाने की फिराक में आतंकी?


21 दिसंबर: 4 जवान शहीद


जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गुरुवार को हथियारों से लैस आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के दो वाहनों पर हमला किया था. इस हमले में 4 जवान शहीद हो गए थे, जबकि तीन अन्य जख्मी हुए थे. अधिकारियों ने बताया कि सेना के जवान दो वाहनों से सर्च ऑपरेशन के लिए जा रहे थे. तभी सुरनकोट थाना क्षेत्र में ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकियों ने वाहनों पर फायरिंग कर दी. तीन से चार की संख्या में आए आतंकवादियों ने पहाड़ों से सेना के वाहनों पर हमला . इस हमले में चार जवान शहीद हो गए थे. दो जवानों के क्षत विक्षत शव मिले . इतना ही नहीं आतंकी जवानों के हथियार भी लूट ले गए. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने ली है. 





23 दिसंबर: चार आतंकियों ने की घुसपैठ की कोशिश


इसके बाद 23 दिसंबर को आतंकियों ने पाकिस्तान की सीमा से अखनूर सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की. सुरक्षाबलों के मुताबिक, भारी हथियारों से लैस चार आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की. हालांकि, सुरक्षाबलों ने इसे नाकाम कर दिया. जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी भी मारा गया. इसके बाद बाकी आतंकी अपनी सीमा में लौट गए. वे अपने साथ मारे गए आतंकी का शव भी घसीटकर ले गए. 


अधिकारियों ने बताया, जम्मू में अखनूर के खौर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास शनिवार तड़के चार आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने भारतीय क्षेत्र की ओर घुसपैठ की कोशिश करते हुए देखा. सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों पर गोलीबारी की. इसमें एक आतंकवादी मारा गया. आतंकवादियों को उनके एक सहयोगी के शव को आईबी के उस पार घसीटते हुए देखा गया. जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में सुरक्षा बलों को सीमा पार से ड्रोन के जरिए भेजे हथियार भी बरामद किए हैं.


24 दिसंबर: आतंकियों ने अजान करते पूर्व अधिकारी को मारी गोली


बारामूला के गैंटमूला में रविवार को आतंकियों ने टारगेट किलिंग की वारदात को अंजाम दिया. आतंकियों ने पूर्व एसएसपी मोहम्मद शफी मीर को उस वक्त गोली मार दी, जब वे एक मस्जिद में अजान पढ़ रहे थे. घटना के बाद इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश की जा रही है. 




इस हमले के बाद मस्जिद के अंदर का मंजर देख हर कोई सहम गया. मस्जिद में फर्श से लेकर दीवारों तक खून ही खून था. जम्मू-कश्मीर के बारामूला मे पूर्व पुलिस अधिकारी मो शफी मीर की हत्या ने लोगों को गम और गुस्से से भर दिया. हर जहन में यही सवाल है कि आज इनके साथ हुआ, कल मेरे साथ होगा, परसो किसी और के साथ होगा. सरकार इस पर कब ध्यान देगी?


पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा घाटी का विकास


घाटी में टारगेट किलिंग की ये पहली घटना नहीं है. पिछले कुछ वक्त में कई ऐसे मामले सामने आए हैं. पिछले कुछ साल के दौरान कश्मीर घाटी में हजारों आतंकियों को ढेर किया जा चुका है. घुसपैठ की कोशिश भी नाकाम की जा चुकी है. दूसरी तरफ आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर तरक्की के ट्रैक पर रफ्तार से दौड़ रहा है. घाटी में अमन पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा है. यही वजह है कि वह लगातार घाटी में आतंक को दोबारा जिंदा करने की कोशिश में जुटा है. 
 
कैसे पहुंचते हैं आतंकी?


पाकिस्तान और भारत के बीच 3,323 किलोमीटर की सीमा लगती है. जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के साथ करीब 1222 किलोमीटर की सीमा है, जिसमें 740 किलोमीटर एलओसी और 221 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा है. अखनूर इंटरनेशनल बॉर्डर पर पड़ता है. अखनूर से जम्मू करीब 28 किलोमीटर दूर है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब दस से पंद्रह किलोमीटर के दायरे में जम्मू-पठानकोट हाईवे भी गुजरता है. ऐसे में आतंकी इन्हीं रूट से होकर दस से पंद्रह किलोमीटर का सफर तय कर आसानी से हाईवे तक पहुंच जाते हैं. ये पूरा इलाका पठार है. बड़ा हिस्सा करीब-करीब मैदानी भी है. सर्दियों के दौरान यहां लंबी-लंबी घास उग आती है, जिसे सरकंडा कहा जाता है. आतंकी इसी घास की आड़ में रेंगते हुए घुसपैठ की कोशिश करते रहे हैं.


घाटी में 25-30 पाकिस्तानी आतंकी एक्टिव 


जम्मू कश्मीर के पीर पंजाल के पहाड़ी इलाकों में जो 25-30 आतंकी एक्टिव हैं. ये आतंकी संगठन PAFF या TRF से जुड़े हैं. इनके 75-100 स्थानीय समर्थक भी हैं. ये जम्मू के पुंछ, राजौरी और रेयासी और कश्मीर के कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग जिलों में सक्रिय हैं. PAFF या TRF ने पिछले कुछ सालों में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है. ये संगठन 'गुरिल्ला वॉर' टेकनिक का इस्तेमाल करते हैं. ये सुरक्षाबलों पर छोटी छोटी टुकड़ियों में छिपकर हमला करते हैं. हमले को अंजाम देने के बाद ये वापस जंगल में छिप जाते हैं. बताया जा रहा है कि इन आतंकियों में कुछ ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी ट्रेनिंग ली है.