अनंतनाग में शहीद हुए डीएसपी हुमायूं भट्ट की कहानी, दो महीने की बेटी के सिर से उठा साया, पिता रहे हैं आईजी
Anantnag Encounter: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद होने वालों में डीएसपी हुमायूं भट्ट (Humayun Bhat) भी हैं.
Humayun Bhat Killed In Anantnag Encounter: जम्मू कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, एक मेजर और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक (DSP) शहीद हो गए. दो जवान लापता हैं.
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह अनंतनाग जिले के गारोल इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद होने वाले में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट्ट (Humayun Bhat) हैं. भट्ट के पिता भी पुलिस अफसर रहे हैं.
हुमायूं भट्ट कौन हैं?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि हुमायूं भट्ट (Humayun Bhat) की दो महीने की बेटी है. भट्ट के पिता गुलाम हसन भट्ट जम्मू कश्मीर पुलिस के सेवानिवृत्त महानिरीक्षक (IG) रहे हैं.
VIDEO | Last rites of Deputy Superintendent of J&K Police Humayun Bhat martyred in Anantnag encounter, were performed this evening. pic.twitter.com/ld4NlGx6xu
— Press Trust of India (@PTI_News) September 13, 2023
डीजीपी दिलबाग सिंह क्या बोले?
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से हुमायूं भट्ट के शहीद होने सहित अन्य जवानों की जान जाने पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ''कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सेवानिवृत्त आईजी गुलाम हसन भट्ट के बेटे डीएसपी हुमायूं भट्ट के जाने पर बहुत दुखी हूं.''
मंगलवार को शुरू हुआ अभियान
अधिकारियों ने बताया कि गारोल इलाके में आतंकियों के खिलाफ अभियान मंगलवार शाम को शुरू हुआ था, लेकिन रात में इसे रोक दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि एक ठिकाने पर आतंकवादियों को देखे जाने की सूचना के बाद आज सुबह फिर उनकी (आतंकवादियों) तलाश शुरू की गई.
अपने दल का नेतृत्व करते हुए कर्नल सिंह ने आतंकवादियों पर हमला बोला. हालांकि, आतंकवादियों की गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गए. 12वीं सिख लाइट इन्फेंट्री (एलआई) के कर्नल सिंह को सेना पदक से भी सम्मानित किया गया था. धोनैक 15वीं सिख एलआई से थे. अधिकारियों ने बताया कि धोनैक और भट को भी गोलियां लगीं जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए.
यह हमला ऐसे समय हुआ जब एक दिन पहले ही जम्मू क्षेत्र के राजौरी में एक मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गए थे जबकि सेना की छह वर्षीय मादा लैब्राडोर भी अपने ‘हैंडलर’ को बचाने के दौरान जान गंवा बैठी थी.
इनपुट भाषा से भी.
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