जम्मू कश्मीर: संकट में 'दूत' बना सेना का बचाव दल, 24 घंटे में 11 हजार फुट चढ़ बकरवाल परिवार को पहुंचाया खाना
रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि बशीर अहमद अपनी पत्नी, तीन बच्चों और मवेशियों के साथ कठुआ से मारवाह घाटी में नवापंछी के रास्ते में थे. यह समुदाय बर्फबारी के कारण खाद्य सामग्री एवं पशुओं को चारे की कमी होने पर साल में दो बार हरे भरे चारागाह की तलाश में निकलता है.
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिला में सैन्यकर्मियों ने 24 घंटे की चढ़ाई के बाद 11,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित नागिनसुर पर्वतीय क्षेत्र में बर्फबारी के कारण फंसे खानाबदोश बकरवाल समुदाय के एक परिवार को राहत पहुंचाई. रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने सोमवार को इस बारे में बताया.
रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि बशीर अहमद अपनी पत्नी, तीन बच्चों और मवेशियों के साथ कठुआ से मारवाह घाटी में नवापंछी के रास्ते में थे. यह समुदाय बर्फबारी के कारण खाद्य सामग्री एवं पशुओं को चारे की कमी होने पर साल में दो बार हरे भरे चारागाह की तलाश में निकलता है.
प्रवक्ता ने बताया, ‘‘छतरू उपसंभाग में सेना की गुज्जर बकरवाल चौकी को फोन कर अहमद ने मदद मांगी, जिसके बाद चिनगाम चौकी से फौरन बचाव दल रवाना हुआ.’’ उन्होंने बताया कि खराब मौसम के बीच करीब 24 घंटे की चढ़ाई के बाद सैनिक मौके पर पहुंचे और परिवार का पता लगाया तथा उन्हें भोजन, दवाइयों और जरूरी सामग्री दी.
प्रवक्ता ने बताया, ‘‘बकरवाल परिवार ने इस मदद के लिए सेना का शुक्रिया अदा किया और बताया कि हर साल उनका डेरा मारवाह घाटी की ओर जाता है और जब भी जरूरत पड़ी है सेना उनकी मदद के लिए आगे आयी है.’’
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