Jammu Kashmir Law And Order: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370) के हटने की तीसरी वर्षगांठ मनाई जा रही है. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में जनजीवन सामान्य है और किसी भी जगह से कोई कानून-व्यवस्था (Law And Order) की समस्या नहीं है. वहीं, कुछ राजनीतिक दलों ने इस दिन को "ब्लैक डे" के रूप में चिह्नित करने के लिए विरोध मार्च निकाला, लेकिन कुल मिलाकर कहीं भी कोई सार्वजनिक या सामूहिक विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ.


श्रीनगर के लाल चौक क्षेत्र का दौरा करने वाले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से न तो कोई हड़ताल देखी गई और न ही मुठभेड़ के दौरान कोई पथराव की घटना सामने आई है. 


आतंकी घटनाओं में आई कमी!


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने कुमार ने शांति बनाए रखने के लिए स्थानीय आबादी की प्रशंसा भी की. उन्होंने कहा कि पुलिस न केवल उग्रवाद को नियंत्रण में रखने में सफल रही है, बल्कि हताहत होने वाले लोगों की संख्या को भी कम करने में भी सफल रही है. कुमार ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 के बाद कश्मीर घाटी में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में 174 पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों और 110 नागरिकों सहित 284 लोग मारे गए थे. जबकि 05 अगस्त, 2016 से 04 अगस्त 2019 की अवधि के दौरान 290 सुरक्षा बल के जवान और 191 नागरिक मारे गए थे. 


कानून-व्यवस्था संबंधित घटना में कितने नागरिक हताहत?


विजय कुमार ने कहा कि हमारी उपलब्धि यह रही है कि पिछले तीन सालों में घाटी में किसी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति में एक भी नागरिक की मौत नहीं हुई है. पुलवामा में प्रवासी मजदूरों पर हमले के सवाल का जवाब देते हुए विजय कुमार ने कहा कि हमला लश्कर-ए-तैयबा के कैडर ने किया था और उन दोनों की पहचान कर ली गई है. दो हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और उन पर हमला किया. एक मजदूर की मौत हो गई, दो जख्मी की हालत स्थिर है. हमने आतंकियों की पहचान कर ली है और उन्हें जल्द ही मुठभेड़ में गिरफ्तार या बेअसर कर दिया जाएगा.


पुलवामा में टारगेट किलिंग


दक्षिण कश्मीर (South Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) के गदूरा इलाके में गुरुवार शाम को प्रवासी श्रमिकों पर हुए ग्रेनेड विस्फोट (Grenade Attack) में एक गैर-स्थानीय मजदूर की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. मृतक मजदूर की पहचान बिहार के सकवा परसा निवासी मोहम्मद मुमताज के रूप में हुई है, जबकि घायलों की पहचान बिहार के रामपुर निवासी मोहम्मद आरिफ और मोहम्मद मकबूल के रूप में हुई है.


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