Zojila Tunnel News: जोजिला टनल, एशिया की सबसे लंबी और ऊंचाई पर बन रही है एक सुरंग. एक ऐसा ऑल वेदर टनल जिसके बन जाने से साल के 12 महीने ना सिर्फ जम्मू कश्मीर से लेह लद्दाख से कनेक्टिविटी रहेगी बल्कि हमारे देश की डिफेंस फोर्सेज को श्रीनगर से लेह लद्दाख द्रास कारगिल तक आसानी से पहुच पाएंगी. ये सामाजिक, आर्थिक और सामरिक दृष्टि से बेहद जरूरी है. इसके बन जाने से साढ़े तीन घंटे का सफर सिर्फ 15 मिनट का रह जायेगा.
दरअसल कश्मीर में बर्फबारी के दौरान श्रीनगर से आगे गंधरबाल, सोनमर्ग जैसे इलाकों में काफी बर्फ होती. जिसके चलते साल के चार पांच महीने यहां कोई आने जाने का रास्ता नहीं होता, एक तरह से श्रीनगर और लेह लद्दाख के बीच कोई कनेक्टिविटी नहीं रहती है. वहीं इलाके के लोग हर साल सर्दियों में अपने घरों को छोड़ कहीं और रहने चले जाते है. यानी साल के 6 महीने ऐसे होते है जब इलाके में कोई काम नहीं होता है ना कोई काम हो पाता है. वहीं संपर्क टूट जाने से लेह लद्दाख क्षेत्र में समान पहुँचाने में काफी दिक्कत होती है. इसी तकलीफ को दूर करने के लिए ये टनल का निर्माण हो रहा है. ये सड़क कई मायनों में बहुत एहम है. इसे ना सिर्फ श्रीनगर से सोनमर्ग के रास्ते लेह लद्दाख जुड़ा जाएगा जिसे भारी बर्फबारी में भी श्रीनगर से लद्दाख और लेह जाना आसान हो जाएगा.
इस प्रोजेक्ट का काम कर रही मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के डीजीएम प्रशांत कुमार बताते है इस टनल के बन जाने से कई फायदे होंगे. "इस टनल के बन जाने से हमारे सैनिक और अर्धसैनिक बल साल के बारह महीने आसानी से श्रीनगर से लेह लद्दाख आ जा सकेंगे. वहीं इस टनल से सर्दियों में उनकी रसद और बाकी जरूरत का सामान भी आसानी से पंहुच जाएगा फिर चाहे कितनी भी बर्फ हो. वहीं इसके बने से यहां के लोगो का संपर्क सड़क मार्ग से नहीं टूटेगा, खाने पीने के समान की कमी नहीं होगी और ना ही बर्फबारी के चलते अपने घर को लोगों को छोड़ना होगा. इसके अलावा इस क्षेत्र में पर्यटन भी काफी अच्छा होगा'
एशिया की सबसे बड़ी इस टनल में स्टेट ऑफ आर्ट तकनीक से बन रही है. इसमें खास तरह की वर्टीकल टनल बनाई जाएगी जिसे वेंटिलेशन होगा. यानी पहाड़ में ऊपर से नीचे की तरफ खुदाई कर टनल बनेगी जिसे हवा के लिए रास्ता बनेगा. इस टनल में ऐसे तीन वर्टीकल टनल होंगे.
श्रीनगर को लेह लद्दाख से जोड़ने वाले जोजिला टनल भी साल 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी. लेकिन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसका निर्माण करने वाली NHIDCL और मेघा इंजिनीरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को ये काम दिसंबर 2023 तक पूरा करने को कहा ताकि 26 जनवरी 2024 को पीएम मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सके.
इस टनल का काम तेजी से चल रहा है और अब तक करीब 600 मीटर खुदाई हो चुकी है. ये टनल काफी आधुनिक होगी. क्यों और क्या है इसमे खास
- एशिया की सबसे बड़ी टनल कश्मीर के गांदरबल जिले से लद्दाख क्षेत्र के मीनामार्ग तक बन रही है जोजिला टनल.
- इस टनल की लंबाई करीब साढ़े 13 किलोमीटर है.
- इस टनल के बन जाने बालटाल से लेह तक के सफर में जहां साढे तीन घंटे से चार घंटे लगते थे बन जाने पर सिर्फ 18 मिनट में पूरा हो जाएगा.
- ये टनल स्टेट ऑफ द आर्ट टेक्नोलॉजी से बन रही है.
- इसमें पहली बार वेंटिलेशन के लिए तीन वर्टीकल टनल बनाई जा रही है.
- वहीं टनल में सभी आधुनिक तकनीक होंगी, जैसे सीसीटीवी कैमरा, फायर सेंसर एंड अलार्म, फायर फाइटिंग सिस्टम, एडवांस लाइटिंग होगी जिसे सेंट्रल कंट्रोल रूम देखा जाएगा.
- ये टनल ऑल वेदर होगी यानी साल के बारह महीने खुली रहेगी जिसे कश्मीर से लेह लद्दाख जाना आना आसान है. सर्दी के मौसम पांच महीने बर्फ से सोनमर्ग से बालटाल का इलाका घिरा रहता है इसलिए आवाजाही नहीं हो पाती है.
- इस टनल के बन जाने से सेना और अर्धसैनिक बल आसानी से सर्दी के मौसम में श्रीनगर से लेह, कारगिल, द्रास और लद्दाख जैसे इलाकों में आसानी से जा सकते है.
फिलहाल जोजिला टनल में सिर्फ एक ही टनल का निर्माण हो रहा है इसमें कोई समान्तर बनेवाली एस्केप टनल नहीं है. लेकिन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक इस टनल के साथ बराबर में एक और टनल बनाने के बारें में उनके मंत्रालय के पास प्रस्ताव है जिसपर जल्द फैसल लिया जाएगा.
वहीं श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ने वाली जेड मोड़ ऑल सीजन टनल का काम भी तेजी से चल रहा है. इन दोनों के बन जाने से श्रीनगर से लेह लद्दाख क्षेत्र में जाना आना आसान होगा साल के हर दिन जो अभी संभव नहीं है. फिलहाल जेड मोड़ का काम अगले साल खुलने की उम्मीद है. वहीं जोजिला टनल में तीन से चार में बन जाएगा. इनके बने से ना सिर्फ कनेक्टिविटी रहेगी बल्कि इस इलाके में रह रहे लोगों के जीवन भी बदलेगा.