Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Latest News: जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है. सभी दल जीत के लिए अपनी ताकत लगा रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में इस बार सियासत का नया रूप देखने को मिल रहा है. दरअसल, केंद्र की सत्ता में लगातार तीसरी बार काबिज और खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताने वाली बीजेपी इस बार बेचैन और परेशान नजर आ रही है.


बीजेपी को यहां दो तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पहली चुनौती पार्टी के अंदर की है, जो टिकट बंटवारे के बाद से शुरू हुई है. वहीं दूसरी परेशानी कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके दे दी है. दूसरी ओर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ति हैं, जिन्हें कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन से नुकसान पहुंचने का डर सता रहा है. आइए नजर डालते हैं जम्मू कश्मीर के सियासी अखाड़े में कौन किस पर भारी पड़ता दिख रहा है.


कांग्रेस के इस मास्टरप्लान से सभी हुए परेशान


दरअसल, कांग्रेस ने कुछ दिन पहले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है. एक्सपर्ट का कहना है कि इस गठबंधन से दोनों ही दल मजबूत होंगे. इसमें भी कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा पहुंच सकता है. इसके अलावा ये गठबंधन बीजेपी और पीडीपी को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. राजनीतिक एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर गठबंधन से अलग भी देखें तो कांग्रेस अभी जम्मू-कश्मीर में सबसे मजबूत नजर आती है. पार्टी में न तो किसी तरह की खींचतान है और न ही कोई विरोध.


बीजेपी क्यों है बेचैन?


जम्मू कश्मीर में बीजेपी के सामने अभी सबसे ज्यादा चुनौती कांग्रेस या एनसीपी नहीं, बल्कि खुद उसके अपने कार्यकर्ता दे रहे हैं. यहां बीजेपी में टिकट बंटवारे के बाद से विरोध-प्रदर्शनों का दौर चल रहा है. उसके कई सीनियर और पुराने नेता अपने समर्थकों के साथ रोड पर प्रदर्शन कर रहे हैं. कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. पार्टी आलाकमान को हालात संभालने के लिए केंद्र से नेताओं को भेजना पड़ा है. इसके अलावा रही सही कसर कांग्रेस ने पूरी कर दी है. एक्सपर्ट कहते हैं कि कांग्रेस हर सीट पर बीजेपी को कड़ी चुनौती दे सकती है.


पीडीपी में भी मची है बगावत


इन सबसे अलग पीडीपी की बात करें तो उसके लिए भी राह आसान नहीं दिख रही. पार्टी ने अबतक अपने 31 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चूकी है. पहली लिस्ट आने के बाद से पार्टी के अंदर बगावत मची हुई है. पार्टी के कई नेता महबूबा मुफ्ति की बेटी इल्तजा को टिकट मिलने से नाराज हैं. महबूबा पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लग रहा है. पार्टी के एजाज मीर और प्रवक्ता डॉक्टर हरबख्श सिंह समेत करीब 15 नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. बगावत के बीच बिना गठबंधन अकेले दम पर ज्यादा सीट जीतना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती रहेगी.


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