J&K Poll 2024: ‘यह कश्मीर उनके पिता की संपत्ति नहीं’, 5 साल बाद जेल से बाहर आए राशिद ने पीएम मोदी पर कसा तंज
MP Rashid: अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख राशिद को बुधवार को तिहाड़ जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया. वह 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत जेल में थे.
MP Sheikh Abdul Rashid Attack Narendra Modi: इंजीनियर राशिद के नाम से मशहूर निर्दलीय सांसद शेख अब्दुल राशिद ने अपनी बड़ी जीत को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ जनमत संग्रह बताया है. राशिद ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बड़े अंतर से जीत हासिल की.
इंजीनियर राशिद पांच साल बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं. उन्होंने आजतक के एक कार्यक्रम में कहा, "मैंने बारामुल्ला से लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के वाराणसी से भी बड़े अंतर से जीत हासिल की है. मेरे पक्ष में डाले गए वोट 5 अगस्त, 2019 को जो हुआ उसके खिलाफ जनमत संग्रह था." उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था.
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने लगाया आरोप
अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख राशिद को बुधवार को तिहाड़ जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया. वह 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत जेल में थे. उनकी रिहाई के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने आरोप लगाया कि राशिद को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्ष के वोट काटने के लिए रिहा किया है. हालांकि, रिहा होने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में, राशिद ने पीएम मोदी पर कटाक्ष किया और कहा कि वह प्रधानमंत्री के 'नया कश्मीर' रुख से लड़ेंगे.
उमर अब्दुला और मुफ्ती ने कश्मीर को किया नष्ट
उन्होंने कहा, "यह कश्मीर उनके पिता की संपत्ति नहीं है. मेरी जीत सिर्फ मेरी नहीं है, यह मोदी के 'नया कश्मीर' विजन की हार है." रशीद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर कश्मीर को नष्ट करने का आरोप लगाया और कहा कि वह क्षेत्र के लोगों के लिए लड़ते रहेंगे. उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए, जिन्हें उन्होंने बारामूला लोकसभा सीट से हराया था, रशीद ने कहा कि वह साढ़े पांच साल तक तिहाड़ में सचमुच मर रहे थे जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता लंदन में छिपे हुए थे.
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