J&K Elections: जज बनने का सपना छोड़ जेल में बंद पिता के लिए वोट मांग रही सुगरा बरकती, जानें क्यों हो रही इनकी इतनी चर्चा
J&K election 2024: सुगरा बरकती के लिए ये विधानसभा चुनाव उनके पिता की तरह ही बेहद खास है. सुरगा के पिता फिलहाल जेल में बंद हैं, लेकिन वह चाहती है कि इस चुनाव में उनके पिता की जीत हो.
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: आजादी के बाद से अब तक जम्मू कश्मीर की सियासत देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस चुनाव में कई अलगाववादी नेता बतौर उम्मीदवार मैदान में हैं. इस लिस्ट में सबसे खास हैं सर्जन बरकती. जेल में बंद अलगाववादी नेता सर्जन बरकती निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बीरवाह और गांदरबल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वह जेल में रहते हुए ही चुनाव लड़ेंगे. बरकती के लिए उनकी बेटी सुगरा बरकती चुनाव प्रचार कर रही हैं.
न्यूज तक की रिपोर्ट के अनुसार, सर्जन बरकती 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद हुई सुर्खियों में आए थे. सर्जन बरकती पर क्राउडफंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप भी है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ही सर्जन बरकती को पिछले साल दोबारा गिरफ्तार किया गया है. जबकि, राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) द्वारा दोबारा गिरफ्तार किए जाने के बाद फिलहाल, बरकती जेल में बंद है. हालांकि, बाद में उनकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
जानिए कौन हैं सुगरा बरकती?
अलगाववादी नेता सर्जन बरकती की बेटी सुगरा बरकती के लिए ये बीरवाह और गांदरबल विधानसभा चुनाव उनके पिता की तरह ही बेहद खास है. क्योंकि, सुगरा के पिता सर्जन बरकती और मां सबरोजा बरकती फिलहाल दोनों ही जेल में बंद हैं. इसलिए वो वोट मांगने और जनता से समर्थन मांगने के लिए जनता के बीच नहीं जा सकते हैं. ऐसे में पिता को जिताने का जिम्मा 17 साल की सुगरा बरकती और 11 साल के भाई आजान बरकती ने उठाया है, लेकिन वह चाहती है कि इस चुनाव में उनके पिता की जीत हो.
दरअसल, सर्जन बरकती के जेल जाने के बाद मां ने घर संभाला था, मगर, मां के जेल जाने के बाद सुगरा पर पूरे घर की जिम्मेदारी आ गई है. जहां सुगरा ने अपने जज बनने का सपने को छोड़कर घर और पिता के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रही है.
बीरवाह और गांदरबल विधानसभा सीट क्यों है दिलचस्प
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला गांदरबल और बडगाम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जिनके सामने निर्दलीय उम्मीदवार सर्जन बरकती खड़े हुए हैं. अब देखने ये है कि चुनाव परिणाम में किसका पलड़ा भारी रहेगा.
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